घाटी के युवाओं को आतंकी बनने का शुरुर सा (become terrorists) सवार है। दरअसल, जम्मू कश्मीर के एक वरिष्ठ आधिकारिक सूत्र ने बताया है कि दक्षिणी कश्मीर से बीते सात माह में युवाओं ने सबसे ज्यादा आतंकी बनने का राह अपनाया है…
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- अधिकारी के मुताबिक़, दक्षिण कश्मीर के पुलवामा, शोपियां और कुलगाम जिले में सबसे ज्यादा टेक सेवी यानी तकनीक के माध्यम से आतंक को बढ़ावा देने वाले युवा सक्रिय हैं।
- बयान में कहा गया है कि करीब 70 कश्मीरी युवाओं ने बीते सात महीने में आतंकवाद की राह को अपना मंजिल बना लिया है।
- साथ ही, बीते वर्ष 2016 में करीब 88 युवा आतंकी बन गये थे। यग आंकड़ा वर्ष 2014 से हर वर्ष बढ़ता ही जा रहा है।
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- आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2015 में घाटी से 66 जबकि 2014 में 53 युवाओं ने भटकर आतंक की गलियों का रुख अपना लिया था।
- वहीं, साल 2010 में 54, 2011 में 23 जबकि 2012 में 21 एवं 2013 में 16 युवाओं ने नौजवानों ने घाटी में आतंकवादी बनने का मंसूबा अपना लिया था।
- आधिकारिक बयान के मुताबिक, पुलवामा, शोपियां और कुलगाम से हमेशा ही पढ़े लिखे युवाओं को आतंक की ओर रुख करवाया जाता है।
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- कारण बताते हुए उन्होंने कहा कि पुलवामा दरअसल श्रीनगर, अनन्तनाग, कुलगाम, शोपियां और बडगाम जिलों को जोड़ने वाला केंद्र है।
- ऐसे में आतंकियों को यहाँ अपने सूत्र बनाने से कई जगहों पर सन्देश पहुचने में आसानी रहती है।
- वहीं बीते सात माह में 132 आतंकियों को पुलिस और सेना ने ढेर कर आतंक को काबू में करने की कोशिश की है।
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- इनमें से 115 आतंकियों को इस साल के जुलाई माह तक ढेर किया जा चुका था जबकि अगस्त माह में 9 आतंकियों को निशाना बनाया गया है।
- बता दें कि बीते सात माह में मारे गये आतंकियों में से लश्कर-ए-तैयबा के 38, हिजबुल के 37 एवं अल कायदा के मुसा ग्रुप के तीन आतंकी शामिल थे।
- वहीं, लश्कर-ए-तैयबा (become terrorists) और हिजबुल मुजाहिद्दीन के छह शीर्ष कमांडर्स को इस दौरान मार गिराने में सफलता हाथ आई है।
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