मेरठ. आबकारी विभाग को ठेंगा दिखाते हुए जनपद में शराब व्यवसायी प्रिंट रेट से महंगे दामों पर शराब बेच रहे हैं. उन्हें कानून का कोई डर नहीं है. हमारे स्टिंग ऑपरेशन में साफ नजर आ रहा है कि किस तरह लोगों से शराब व्यवसायी मनमाने तरीके से वसूली कर रहे हैं. नतीजतन, राजस्व को चूना लगा रहे हैं.
यह है पूरा मामला ( Wine selling at high price : sting operation )
https://youtu.be/-sfJfJ45P-c
- शराब की दुकानों पर ओवररेटिंग का ऐसा खेल चल रहा है जो प्रतिमाह राजस्व को नुकसान पहुंचा रहा है.
- हद तो यह है कि यह सब अधिकारियों की नाक के नीचे हो रहा है.
- मगर इस पर कोई भी संज्ञान नहीं ले रहा है.
- हमारे स्टिंग ऑपरेशन ( Wine selling at high price sting operation ) में इसका खुलासा हुआ है.
- मेरठ में कई शराब की दुकाने हैं. ऐसे में हर बोतल पर 10 से 20 रुपये अलग से लिए जाते हैं.
- इस तरह ओवररेटिंग से प्रतिमाह कारोड़ों रुपये का कालाधन कमाया जा रहा है.
- आबकारी अधिकारी इसको रोक पाने में पूरी तरह से नाकाम साबित हो रहे हैं.
- अधिकारियों से जब इस बारे में सवाल किया जाता है, तो वे उल्टा मीडिया से ही सवाल करने लगते हैं कि कहां ओवररेटिंग चल रही है.
- हालांकि, सच्चाई वे खुद भी जानते हैं. मगर न जाने किसके दबाव में वे कोई कदम नहीं उठाते हैं.
- अधिकारी दावा करते हैं कि वे समय-समय पर शराब की दुकानदारों को नोटिस देते हैं और जरूरत पड़ने पर चालान भी करते हैं.
- उनका दावा है कि जनपद में ओवररेट पर शराब नहीं बेची जा रही है.
- मगर इस वीडियो में साफ नजर आ रहा है कि अधिकारी हकीकत को किस कदर छुपाने पर आमादा हैं.
- आपको बता दें कि मेरठ में ही 10 हजार बोतल अंग्रेजी शराब की बोतल बिकती हैं, जबकि 20 से 22 हजार बीयर की बोतल की खपत है. यानी लगभग 54 हजार बोतलें प्रतिदिन यहां बिकती हैं.
- ऐसे में एक बोतल पर 10 रुपये अलग से लिए जाते हैं तो आप अंदाजा लगा सकते हैं कि लाखों रुपये किस तरह बनाए जा रहे हैं.