भदोही जिले में वाहनों के नम्बर प्लेट की अनदेखी कोई बड़े दुर्घटना का कारण बन सकती है। ट्रैफिक पुलिस के आंखों के सामने से सैकड़ों चालक अपने वाहन बिना नम्बर प्लेट के निकाल कर चले जाते हैं और ट्रैफिक पुलिस अपने आंखों में पट्टी बांधकर बैठी है। इसके अनेकों खतरनाक, परेशानी दायक एवं विपरीत परिणाम सामने आते हैं।
यह हो सकती है परेशानी
- बिना नम्बर वाले वाहन से यदि कोई अपराध करके भाग जाये तो फिर उसका पकड़ना मुश्किल हो जाता है।
- फरियादी और घटना के साक्षीगण उस वाहन पर नम्बर नहीं लिखे होने के कारण अपराध करने वाले के संदर्भ में कुछ नही बता पाते हैं।
- अपराध में प्रयुक्त हुआ वाहन ज्ञात नहीं हो पाता है।
- जहां न्यायालय के समक्ष यह प्रकट हुआ कि दुर्घटना करने वाले वाहन पर नम्बर-प्लेट नहीं थी।
- लाल, पीला, नीला, काला रंग के नाम से वाहन की पहचान होती है। ऐसे रंगो के तो अनेकों वाहन होते हैं।
- जिन वाहनों पर नम्बर नहीं लिखा है। ऐसे वाहनों को सख्ती के साथ जब्त किया जाना चाहिये।
- ऐसे भी अनेकों वाहन, जिनका रजिस्ट्रेशन कई-कई वर्षों तक आर.टी.ओ. में नहीं हुआ हो और यह भी संभव है कि वाहन मालिक अनेकों अपराधों मे लिप्त होते हुये टैक्स की चोरी भी कर रहे हों।
- देश भर में क्राइम का स्तर काफी बड़ चुका है।
- कई मामले ऐसे आये है जहां नम्बर प्लेट के बिना अपराधी अपराध कर मौके से फरार हो जाते हैं।
- उनकी शिनाख्त नहीं हो पाती ऐसे प्रकरण में लोग केवल मुंह ताकते दिखाई पड़ते हैं।
यहां का यह है कानून
- एक ऐसे ही मामले में पंजाब के चंडीगढ़ के जींद जिला में भारतीय दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 के अंतर्गत धारा 144 के तहत सभी पेट्रोल पम्प मालिकों को बिना नम्बर प्लेट की गाड़ियों में पेट्रोल एवं डीजल तेल न डालने के निर्देश दिया गया था।
- जिसके बाद काफी बदलाव आया और पेट्रोल पंप मालिकों के द्वारा इस फैसले पर अमल किया गया।
- आर.टी.ओ व ट्रैफिक पुलिस को इस मसले पर गम्भीरता बरतनी चाहिए।
- ताकि जनपद में आने वाले समयों में कोई ऐसा मामला संज्ञान में ना आये जो जनमानस के हित में ना हो।
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