5 मिनट में हर कंप्लेन पर रिस्पांस देने का दावा करने वाली उत्तर प्रदेश पुलिस की हकीकत कुछ और ही नजर आ रही है। राजधानी लखनऊ में एक बार फिर पुलिस का क्रूर चेहरा सामने आया है। हैरान करने वाली बात यह है कि पुलिस का यह अमानवीय व्यवहार कहीं और नहीं, बल्कि मुख्यमंत्री के सरकारी आवास के बाहर देखने को मिला।
- पुलिस का खौफनाक चेहरा तब सामने आया जब एक महिला सीएम के सरकारी आवास पर आत्मदाह करने पहुंची।
- मुरादाबाद के छजलैट पुरी रवाना निवासी बबिता गौतम ने बताया कि उसके पति दीपक रिक्शा चालक हैं।
- यहां पर कई साल पहले दीपक को जमीन का पट्टा मिला था, लेकिन उस जमीन पर आज तक कब्जा नहीं मिल सका।
- महिला का आरोप है कि पट्टे की जमीन पर पूर्व प्रधान ललित, विजय, और प्रकाश ने कब्जा कर रखा है।
- पिछले 10 सालों से अदालत में मुकदमा चल रहा है और ये लोग मुकदमा वापसी का दबाव बना रहें हैं।
- महिला ने बताया कि पूर्व प्रधान आए दिन परिवार को जान से मारने की धमकी देकर मारपीट करता है।
- महिला ने स्थानीय पुलिस से लेकर जनपद के बड़े पुलिस अधिकारियों तक मदद की गुहार लगाई।
- इसके बाद भी जब महिला को न्याय नहीं मिला, तो न्याय की आस में वह 5 कालिदास मार्ग स्थित सीएम के सरकारी आवास पर पहुंच गई।
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पुलिस ने दिखाई क्रूरताः
- पीड़ित महिला मुख्यमंत्री से मिलने के लिए उनके आवास के बाहर दो घंटे तक बैठी रही।
- इसके बाद उसने बैग से मिट्टी के तेल की बोतल निकाली और खुद पर उड़ेल लिया।
- सीएम आवास के बाहर सुरक्षा में तैनात महिला पुलिस कर्मियों को पीड़ित महिला का यह कृत्य नागवार गुजरा।
- इसके बाद तो उन्होंने महिला को सड़क पर घसीटा, धक्का दे कर गिरा दिया और उसकी जमकर पिटाई की।
- गौतमपल्ली थाने की महिला पुलिस कर्मियों ने उसे और उसके बच्चों को जमकर पीटा और उसको थाने उठा ले गई।
- महिला ने रोते हुए बताया कि उसे सीएम की चौखट पर न्याय तो नहीं मिला लेकिन पिटाई जरूर नसीब हुई।
थानाध्यक्ष ने पेश की सफाईः
- वहीं, गौतमपल्ली थानाध्यक्ष अरुण कुमार द्विवेदी का कहना है कि सुरक्षा कर्मियों ने महिला के कागज ले कर कार्यवाही का आश्वासन देकर उसका प्रार्थनापत्र अंदर भेज दिया था।
- उन्होने कहा कि पुलिस कर्मियों द्वारा महिला को पीटने की बात निराधार है।
- जबकि तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि पुलिस महिला की पिटाई कर रही है।