राजधानी लखनऊ के विधानसभा के उस समय हड़कंप मच गया जब एक दंपत्ति अपने 5 बच्चों के साथ आत्मदाह करने पहुंच गई। इससे पहले महिला अपने पति और बच्चों के साथ अपने ऊपर तेल डालकर आग लगा पाती कि मौके पर मौजूद महिला कांस्टेबल शिव कुमारी और सुष्मिता यादव ने उन्हें दबोच लिया। सामूहिक आत्मदाह के प्रयास की सूचना मिलते ही पुलिस महकमें में हड़कंप मच गया। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों दम्पत्तियों को बच्चों के साथ हिरासत में लेकर हजरतगंज कोतवाली ले गई। पीड़ितों ने चेतावनी दी है कि अगर कोई कार्रवाई नहीं हुई तो फिर वह आत्मदाह कर लेगी। फिलहाल पुलिस उनसे पूछताछ कर आगे की कार्रवाई कर रही है।
ग्राम प्रधान ने दबंगई से पीड़ित के घर पर कब्ज़ा कर घर से भगाया
बता दें कि भले ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और यूपी पुलिस के डीजीपी ओपी सिंह हर जगह बेहतरीन पुलिस का ढिंढोरा पीट रहे हों लेकिन जनता पुलिस से त्रस्त हो चुकी है। इसका जीता जगता उदाहरण आत्मदाह के प्रयास की ये घटना है। यहां अमेठी जिला का रहने वाला फूलचंद बुधवार की शाम करीब 4:15 बजे विधानसभा के गेट नम्बर तीन के सामने अपनी अपनी पत्नी राजश्री, बेटी किरन (16), डाली (7), बेटा रामधन (10), शिवांश (4) और एक पांच माह का नवजात बच्चे के साथ अचानक पहुंचा। दंपत्ति अचानक अपने ऊपर मिट्टी का तेल छिड़ककर आत्महत्या करने की कोशिश करने लगा। हालांकि ड्यूटी पर पहले से मुस्तैद महिला कांस्टेबल शिवकुमारी व सुस्मिता यादव ने उन्हें बलपूर्वक रोक लिया जिससे दंपत्ति और बच्चों की जान बच गयी।
पुलिस ने 100 रुपये लेकर लिया प्रार्थनापत्र
पीड़ित फूलचंद ने बताया कि वह अहमदपुर ग्राम पंचायत के अचली का पुरवा गांव का रहने वाला है। यहां के दबंग प्रधान रना बहादुर यादव ने नन्हकऊ ठाकुर, राजेश सहित कई लोगों ने उसके घर पर जबरन कर लिया। आरोप है कि दंबग कह रहे हैं कि ये घर हमारा है। पीड़ित को घर के बदले एक लाख रुपये का प्रलोभन दिया गया। जब पीड़ित ने पैसे लेने से इंकार कर दिया तो उसे धमकी दी गई। आरोप है कि पुलिस दबंगों के साथ मिली हुई है। पुलिस ने पीड़ित को ही गालियां देकर थाने में बंद कर दिया। पीड़ित का आरोप है कि शुकुल बाजार पुलिस ने 100 रुपये लेकर उसका प्रार्थनापत्र लिया। पीड़ित की स्थानीय थाना शुकुल बाजार पर कोई सुनवाई ना होने पर वह परिवार के साथ लखनऊ पहुंचा और आत्मदाह की कोशिश की। फिलहाल पुलिस ने पीड़िता का शिकायती पत्र लेकर अमेठी पुलिस से संपर्क कर कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
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क्या कहते हैं ग्राम प्रधान
इस संबंध में ग्राम प्रधान रना बहादुर यादव ने अपना बचाव करते हुए बताया कि फूलचंद अपनी पुस्तैनी जमीन पर मकान बनाकर रह रहा है। गांव में ही उसे लाल बहादुर मौर्या की जमीन की देखरेख करने के लिए वर्षों पहले दी गई थी। फूलचंद इस जमीन पर रह रहा है। अब जिसकी जमीन है वह अपनी जमीन लेने के लिए जब गया तो फूलचंद ने विरोध किया। उक्त भूमि लाल बहादुर के नाम से दर्ज है। ग्राम प्रधान ने कहा कि गाँव का मुखिया होने के चलते वह मौके पर गए थे। उनका इस विवाद में कोई रोल नहीं है। लेकिन पीड़ित के आरोप इस घटना में प्रधान के शामिल होने की कहानी बयां कर रहे हैं। हालांकि पीड़ित ने आरोप लगाया कि ग्राम प्रधान और शुकुल बाजार थानेदार शिवाकांत आपस में मिले हुए हैं। इसके चलते स्थानीय थाना पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।