राजधानी लखनऊ के मड़ियांव थाना क्षेत्र के ताड़ीखाना रेलवे क्रॉसिंग स्थित सेंट्रल नर्सिंग होम में एक महिला की खून चढ़ाते समय मौत हो गई। नाराज परिवारीजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए अस्पताल में हंगामा कर तोड़फोड़ शुरू कर दी। सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने स्थिति को काबू कर शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। इंस्पेक्टर मड़ियांव संतोष कुमार सिंह ने बताया कि डॉ. परवेज ने मीना के परिवारीजनों के खिलाफ मारपीट, लूटपाट और तोड़फोड़ का आरोप लगाते हुए तहरीर दी है। मामले की जांच की जा रही है। अगर पीड़ित पक्ष से भी तहरीर मिलती है तो उसे भी जांच में शामिल किया जाएगा।
मड़ियांव गांव के सरैंया टोला निवासी गंगाराम ने अपनी पत्नी मीना देवी (40) को सांस फूलने की समस्या के चलते सुबह करीब 10:30 बजे ताड़ीखाना स्थित सेंट्रल नर्सिंग होम में भर्ती करवाया था। गंगाराम के मुताबिक जांच के बाद डॉ. परवेज आलम ने खून की कमी बताते हुए खून चढ़ाने को कहा। डॉक्टर की सलाह पर परिवारीजनों ने टेढ़ीपुलिया चौराहा स्थित ब्लड बैंक से शुक्रवार को दो यूनिट ब्लड लाकर चढ़ाने के लिए डॉक्टर को दिया। गंगाराम के मुताबिक शाम करीब 5:10 बजे से खून चढ़ना शुरू हुआ। रात करीब 8:30 बजे खून चढ़ने के दौरान मरीन की हालत बिगड़ने लगी। कुछ देर में ही उसने दम तोड़ दिया, जिसके बाद परिवारीजनों ने लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया।
डॉक्टर का दावा, लारी ले जाते समय हुई मौत : डॉ. परवेज ने बताया कि महिला हार्ट की मरीज थी। एक महीने पहले उसका लारी से इलाज चल रहा था। इधर स्थित में सुधार होने के बाद परिवारीजनों ने उनके अस्पताल में भर्ती करवा दिया था। खून चढ़ने के दौरान हालात बिगड़ने पर मरीज को लारी रेफर किया गया था, वहां ले जाते समय पक्के पुल के पास उसकी मौत हो गई। इसके बाद परिवारीजनों ने अस्पताल में आकर तोड़फोड़, मारपीट व लूटपाट की। वहीं, मीना के पति गंगाराम का कहना है कि डॉक्टर से डेथ सर्टिफिकेट मांगने पर डॉक्टर भड़क गए और स्टाफ के साथ मिलकर उनके साथ मारपीट की, जिससे उनके बेटे उमेश व बेटी राखी को चोटें आई हैं। उमेश को इलाज के लिए लोहिया अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।
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