उत्तर प्रदेश के बाँदा जिला के कमासिन थाना परिसर में बने सरकारी आवास पर पिछली 6 सितंबर की रात्रि में एक महिला सिपाही नीतू शुक्ला (25) का शव संदिग्ध परिस्थितयों में फांसी के फंदे से लटका मिला था। इस मामले में शुक्रवार को राजधानी लखनऊ के हजरतगंज स्थित गाँधी प्रतिमा पर मृतका के भाइयों सहित तमाम भाजपा के कार्यकर्ताओं ने न्याय की गुहार लगाते हुए जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि महिला सिपाही ने आत्महत्या नहीं की बल्कि उनकी हत्या करके शव को आत्महत्या का रूप देने के लिए फांसी पर लटकाया गया है।
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]परिजनों ने लगाया हत्या का आरोप[/penci_blockquote]
महिला सिपाही स्व. नीतू सिंह के भाई सतेंद्र शुक्ला और राघवेंद्र शुक्ला ने मीडिया को बताया कि उनकी बहन की कमासिन थाना परिसर बाँदा में हत्या करके शव लटकाया गया था। महिला पुलिसकर्मी के परिवारीजन का आरोप है कि थानाध्यक्ष ने ही बेटी की हत्या करवाने के बाद मामले को आत्महत्या का रूप देने को शव को फांसी पर लटकवा दिया। मृतका सिपाही नीतू के पिता अनिल कुमार शुक्ला भी हरदोई में दारोगा के पद पर कार्यरत हैं। उनका कहना है कि उनकी बेटी के शरीर के बाहरी अंगों पर चोट के निशान पाए गए हैं। इसके साथ ही सुसाइड नोट में लड़की ने चार सिपाहियों पर घोर उत्पीड़न करने का जिक्र है, जिससे यह आत्महत्या का मामला संदिग्ध लग रहा है। उन्होंने बताया कि पुलिस को वहां से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ। पहले पुलिस ने सुसाइड नोट को छुपा दिया था। जिसमें मृतका ने पुलिस महकमे को ही कठघरे में खड़ा कर दिया।
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]दो भाइयों व एक बहन में मंझली और अविवाहित थी नीतू [/penci_blockquote]
कौशांबी जनपद के थाना मोहब्बतपुर अंतर्गत ग्राम तुलसीपुर निवासी कांस्टेबल नीतू (22) पुत्री अनिल शुक्ला की बीते वर्ष 14 मई को यहां कमासिन थाने में तैनाती हुई थी। बीते मंगलवार देर शाम उसने अपने क्वार्टर में कुंडी अंदर से बंद कर दुपट्टे के फंदे से फांसी लगा ली। उसके साथ कमरे में रहने वाली महिला कांस्टेबल नीलम जब गश्त से लौटी तो दरवाजा खटखटाया। न खुलने पर उसने अन्य पुलिस कर्मियों को जानकारी दी। बगल में रह रही कांस्टेबल नेहा के कमरे से जब दरवाजा खोलकर पुलिस कर्मी अंदर पहुंचे तो वह पंखे से लटकी मिली। उसे उतारकर पीएचसी ले जाया गया। वहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। थानाध्यक्ष प्रतिमा सिंह व अन्य महिला पुलिस कर्मियों ने बताया कि वह सप्ताह भर से बुखार से पीड़ित थी। उसे टायफाइड हुआ था। वह दो भाइयों व एक बहन में मंझली और अविवाहित थी। कांस्टेबल नेहा ने बताया कि खुदकशी से पहले वह फोन पर बात कर रही थी। साथी नीलम ने गश्त पर जाने के पहले बताया था कि फोन पर परिजन से बात कर रही है। भाइयों ने आरोप लगाया कि एसओ की शह पर साजिशन उसकी हत्या कर दी गई। पिता ने एसपी से जांच कराकर न्याय दिलाने की मांग की। एसपी ने कहा कि प्रथम दृष्टया डिप्रेशन में खुदकशी करने का मामला लग रहा है। पोस्टमार्टम में फांसी से मौत की पुष्टि हुई है। उन्होंने बताया कि मामले की जांच के लिए एएसपी को कहा गया है।
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]बेहद डरी-सहमी रहती थी बेटी[/penci_blockquote]
घरवालों ने बताया कि उसके बिस्तर से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है, जिसमें नीतू ने चार सिपाहियों पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है। भाइयों का कहना है कि फोन पर बात करते वक्त मेरी बेटी बेहद डरी-सहमी रहती थी। उन्होंने नीतू की गला घोंटकर हत्या के बाद फंदे पर लटकाने का आरोप लगाया। उनका कहना था कि घटना के समय नीतू किचन में दलिया बना रही थी और वहां दलिया बिखरी मिली। इससे लग रहा है कि उसकी हत्या की गई है। जिस जगह फांसी पर शव लटका मिला, उसके पैर पास ही पड़े बेड के नीचे तक लटक रहे थे। उसके चेहरे समेत शरीर पर कई जगह चोट के निशान थे। परिजन ने आशंका जताई कि वह थाने से संबंधित कोई रहस्य जानती थी जिसे हत्यारोपित दबाना चाहते थे।
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]प्रदर्शनकारियों ने एसओ पर लगाया हत्या कराने का आरोप[/penci_blockquote]
प्रदर्शन कर रहे भारतीय जनता पार्टी के लखनऊ नगर कार्यकारिणी सदस्य शम्भू नाथ त्रिवेदी ने बताया कि महिला कांस्टेबल का शव फांसी पर लटका मिलने के मामले में परिजन ने एसओ पर हत्या कराने का आरोप लगाया। उन्होंने अधिकारियों से जांच कराकर दोषियों को दंडित करने की मांग की। पोस्टमार्टम हाउस में भी परिवार के लोग हंगामा करते रहे। एसपी ने एसओ को लाइनहाजिर कर दिया गया। पुलिस अधीक्षक एस आनंद ने घटनास्थल का निरीक्षण कर एसओ प्रतिमा सिंह को फटकार लगाकर कहा था कि अगर मौत की पुष्टि पहले से थी तो अस्पताल ले जाने के पहले अधिकारियों को सूचना क्यों नहीं दी गई। एसपी के निर्देश पर यहां फील्ड यूनिट टीम ने किचन से लेकर घटनास्थल तक की जांच की है और नीतू का मोबाइल लेकर कॉल डिटेल की भी जांच कराई जा रही है। उधर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे नीतू के पिता दारोगा अनिल शुक्ला, भाई अधिवक्ता राघवेंद्र शुक्ला, फुफेरे भाई राहुल, मामा विनोद त्रिपाठी, ने बताया कि एसओ ने उन्हें फोन पर बीमारी के चलते नीतू को अस्पताल में भर्ती कराने की सूचना दी थी। बांदा के पुलिस अधीक्षक एस.आनंद ने गुरुवार को बताया कि तीन डॉक्टरों की टीम से नीतू के शव का पोस्टमार्टम कराया गया। उन्होंने कहा कि अगर हमारी मांगों को 15 दिन के भीतर नहीं मानी गईं तो देशव्यापी आंदोलन किया जायेगा।
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