आज यूपी में पहले चरण के का मतदान हो रहा है।
- प्रदेश की जनता के लिए वह निर्णायक वक्त आ ही गया है जिसमें वह राजनेताओं और राजनैतिक दलों द्वारा किये गये वादों और उनके घोषणा-पत्रों के आधार पर बेहतरी की बड़ी-बड़ी आशाएं पालते हुए यूपी की सत्ता को अगले 5 वर्षों के लिए सही हाथों में सौंपने के लिए मतदान केन्द्रों तक जाती है।
हर बार खुद को ठगा गया महसूस करती है जनता
- हर बार सरकार बनने के बाद खुद को ठगा गया महसूस करती है।
- सरकार बनने के बाद प्रायः राजनेता और राजनैतिक दल अपने किये गये वादों और घोषणाओं को पूरा करने के प्रति गंभीर रुख नहीं अपनाते है।
- जिसके कारण ये वादे और घोषणाएं महज चुनावी जुमले बनकर रह जाते हैं और बेचारी बेबस जनता के पास अगले चुनावों का इंतज़ार करने के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचता है।
- उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की समाजसेविका और आरटीआई कार्यकत्री उर्वशी शर्मा द्वारा यूपी महिला आयोग में दायर की गई।
- एक आरटीआई पर आये जबाब से यूपी की पूर्ववर्ती 2 सरकारों के कार्यकाल में महिला उत्पीड़न के जो आंकड़े सामने आये हैं वे भयावह होने के साथ-साथ पूर्ववर्ती 2 सरकारों के समय महिला उत्पीड़न के प्रति सरकारों की असंवेदनशीलता को भी परिलक्षित कर रहे हैं।
- यह आंकड़े मायावती से अखिलेश सरकार में दो गुने हो गए हैं।