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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 1090 हेल्पलाइन की शुरुआत 15 नवम्बर 2012 को अपने आवास से की थी। उत्तर प्रदेश सरकार का इस सेवा को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य यूपी में बढ़ रहे महिला अपराधों पर रोक लगाना था। जिसमे वह काफी हद तक कामयाब भी रही है। हम आज आपको यहाँ 1090 हेल्पलाइन की पूरी जानकारी दे रहे है जिससे कोई भी महिला अपने खिलाफ हो रहे अत्याचारों को रोक सकती है।
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क्या है 1090 हेल्पलाइन की प्रक्रिया :
- दिल्ली में भी यही सेवा शुरू की गयी थी जिसके बाद यूपी सरकार ने उसकी सफलता को देखते हुए यहाँ भी महिला हेल्पलाइन खोलने की शुरुआत की।
- 1090 पर महिला द्वारा शिकायत करने के बाद पकड़े गए मनचलों की पहले अधिकारी द्वारा काउंसिल होती है।
- इस दौरान उसे ऐसी हरकतें न करने के लिए समझाया जाता है।
- इस काउंसलिंग का उद्देश्य है कि इन छोटे अपराधों को बड़े अपराध में बदलने से पहले ही रोक दिया जाए।
- कोई भी पीड़ित महिला अश्लील कॉल, मैसेज आने पर अपनी शिकायत इस नंबर पर नि:शुल्क दर्ज करवा सकती है।
- पीड़ित महिला की पहचान को एकदम गोपनीय रखा जाता है और उसे थाने तक आने की जरुरत नहीं होती है।
- 1090 हेल्पलाइन में मौजूद सभी कर्मी महिलायें ही होती है जिससे समस्या बताने में कोई भी दिक्कत न हो।
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1090 हेल्पलाइन का ग्राफ :
- 2012 में जब यह सेवा शुरू की गयी थी तो उस समय इसमें 12,246 शिकायतें आये थी जिनमे से सभी को हल कर लिया गया था।
- इसके बाद साल 2013 में हेल्पलाइन में 142,169 शिकायतें आये जिनमे से सभी को सुलझा लिया गया था।
- ऐसे ही 2014 में 1,48180, 2015 में 1,34107 शिकायते आये जिनमे सभी को हल किया जा चुका है।
- जब से यह सेवा शुरू हुई है तभी से प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों में कमी हुई है।
- इस हेल्पलाइन में कई उम्र के महिलाओं ने अपनी समस्याएँ दर्ज कराई है।
- सबसे ज्यादा समस्या 20-25 वर्ष की 36% महिलाओं ने दर्ज करायी है।
- उसके बाद 15-20 वर्ष के 28% ने समस्या दर्ज कराई है।
- 25-30 वर्ष की 15% महिलाओं ने समास्याओं का निवारण पाया है।
- इसके अलावा 30-40 वर्ष की 14%, 40-50 वर्ष की 5% महिलाओं ने अपनी समस्या से निजात पायी है।
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