अन्‍तरराष्‍ट्रीय स्‍त्री दिवस के अवसर पर ‘स्‍त्री मुक्ति लीग’ की ओर से लखनऊ शहर के विभिन्‍न इलाकों में तीन-दिवसीय कार्यक्रम के अन्तिम दिन आज खदरा इलाके में कार्यक्रम आयोजित किया गया।

स्‍त्री मुक्ति लीग के सदस्‍यों ने खदरा मोहल्‍ले की गली-नुक्‍कड़ों में सभाएँ करते हुए और नारे लगाते हुए स्त्रियों को पुरुषों को बराबर का दर्जा देने का आह्वान किया। नुक्‍कड़ सभाओं के बाद शाम को रामलीला ग्राउण्‍ड पर एक सांस्‍कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

Womens liberation struggle stri mukti league-2

कार्यक्रम में स्त्रियों के जीवन, उनके सपनों और उनके संघर्षों से जुड़े मुद्दों पर ‘मुक्ति के स्‍वर’ नामक एक पोस्‍टर प्रदर्शनी लगाई गई। इसके अलावा कार्यक्रम में पितृसत्‍तात्‍मक सामाजिक ढाँचे के भीतर स्त्रियों की घुटन भरी ज़ि‍न्‍दगी और उनकी मुक्ति की आकांक्षाओं से जुड़े गीतों व कविताओं की भी प्रस्‍तुति की गई।

‘मुक्ति के स्‍वर’ नामक पोस्‍टर प्रदर्शनी में स्त्रियों के उत्‍पीड़न व उनकी गुलामी के इतिहास, धार्मिक रीति-रिवाजों व पितृसत्‍ता द्वारा उनको जायज़ ठहराने की कोशिशों, घर से लेकर कारखानों व दफ़्तरों तक दिन-रात उनके साथ होने वाली हिंसा व भेदभाव एवं दुनिया भर में स्त्रि‍यों के जुझारू संघर्षों की दास्‍तान बयान करने वाले आकर्षक पोस्‍टर लगाए गए हैं।

Womens liberation struggle stri mukti league

कार्यक्रम के दौरान बात रखते हुए स्‍त्री मुक्ति लीग की विमला ने कहा कि स्त्रियों को पैरों की जूती समझने वाली पितृसत्‍तात्‍मक व्‍यवस्‍था को ध्‍वस्‍त करने के लिए और बराबरी का दर्जा हासिल करने के लिए स्त्रियों को चूल्‍हे-चौखट की अंधेरी घुटन भरी ज़ि‍न्‍दगी के खिलाफ बग़ावत करनी होगी। उन्‍होंने कहा कि सदियों से चला आ रहा समाज का पितृसत्‍तात्‍मक ढाँचा आधुनिक पूँजीवादी युग में और मजबूत होता जा रहा है क्‍योंकि स्त्रियों को भोगने वाला माल बना दिया जा रहा है।

जहाँ एक ओर पूँजीवाद मज़दूरों का निर्मम शोषण करता है वहीं दूसरी ओर इस शोषणकारी व्‍यवस्‍था ने स्त्रियों को निकृष्‍ट कोटि का गुलाम बनाकर रख दिया है। ऐसे में स्त्रियों की मुक्ति की लड़ाई मज़दूरों की मुक्ति की लड़ाई से जुड़ गई है। बिना स्त्रियों का बराबर का दर्जा दिए मज़दूर आन्‍दोलन सफल नहीं हो सकता और बिना मज़दूर आन्‍दोलन में शिरकत किए स्त्रियाँ मुक्‍त नहीं हो सकती हैं। कार्यक्रम में मीनाक्षी, शाकम्‍भरी, रूपा, शिप्रा, शिवा आदि ने भी बात रखी और स्त्रियों की मुक्ति से जुड़ी कविताओं का पाठ किया एवं कुछ क्रान्तिकारी गीतों की भी प्रस्‍तुति की। इस अवसर पर ‘स्‍त्री मुक्ति लीग’ की ओर से निकाला गया पर्चा भी वितरित किया गया।

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Web Title : Womens liberation struggle is linked to fight of working salvation
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