दुनिया भर में 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। इस दिन लोग गोष्ठियों में सम्पन्न प्रयासों का लेखाजोखा पेश कर पर्यावरण को बचाने की अपील करते हैं। कुछ लोगों का मानना है कि इतिहास से सबक लेना चाहिए। इन दोनों वक्तव्यों को ध्यान में रख पर्यावरण दिवस पर धरती के इतिहास के पुराने पन्नों को पर्यावरण की नजर देखना-परखना या पलटना ठीक लगता है।
विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर उत्तर प्रदेश के कानपुर जिला के गोविंद नगर के डीबीएस कॉलेज में एमए की छात्रा प्रियंका सिंह ने अनोखे अंदाज में लोगों को जागरूक किया। प्रियंका ने अपनी स्कूटी को हरी पत्तियों से सजाकर ज्यादा से ज्यादा पौधे रोपने की अपील की। इस अवसर पर स्कूल के बच्चों ने हरी पत्तियां पहनकर पेड़ बचाने की अपील करते हुए लोगों को जागरूक किया।
जानकारी के मुताबिक, बर्रा विश्व बैंक निवासी प्रियंका जरौली स्थित सरदार पटेल स्कूल में टीचर हैं। प्रियंका ने स्कूटी पर सेव ट्री, पेड़ बचाओ, धरती है स्वर्ग, धरती मां को बचाओ जैस स्लोगन लिखकर कई इलाकों में घूमी। जब वह स्कूल पहुंची तो छात्र-छात्राओं ने उनका जोरदार स्वागत किया। उनका कहना है कि यदि हर शहरी पर्यावरण प्रेमी हो जाएगा तो शहर हरा-भरा हो जाएगा।
इसी तरह सरदार पटेल इंटर कालेज की छात्राओं ने भी हरे रंग से चेहरा रंग कर और पत्तियां चेहरे और शरीर पर लगाकर पेड़ लगाने और हरे पेड़ो को बचाने का संदेश दिया। छात्राओं ने अपने चेहरे पर पेंट करके पेड़ बचाओ अभियान में शामिल होने की अपील की। छात्राओं ने जागरूक करते हुए कहा कि पर्यावरण को हानि पहुँचाने में औद्योगीकरण तथा जीवनशैली को जिम्मेदार माना जाता है।
यह पूरी तरह सच नहीं है। हकीक़त में समाज तथा व्यवस्था की अनदेखी और पर्यावरण के प्रति असम्मान की भावना ने ही संसाधनों तथा पर्यावरण को सर्वाधिक हानि पहुँचाई है। उसके पीछे पर्यावरण लागत तथा सामाजिक पक्ष की चेतना के अभाव की भी भूमिका है। इन पक्षों को ध्यान में रख किया विकास ही अन्ततोगत्वा विश्व पर्यावरण दिवस का अमृत होगा।