विश्व प्रसिद्ध चरकुला नृत्य का गांव मुखराई में हुआ आयोजन

मथुरा-

श्री राधा रानी की ननिहाल मुखराई में राधा रानी के जन्मोत्सव पर राधा रानी के जन्म की खुशी को लेकर राधा रानी की नानी मुखरा देवी ने अपने सर पर रखकर पहली बार दीपक जलाकर नृत्य किया था तभी से गांव मुखराई में यह प्रथा चली आ रही है और यह आयोजन होली के तीसरे दिन गांव मुखराई में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है जिसमें देश-विदेश से श्रद्धालु पहुंचते हैं और चरकुला नृत्य का आनंद उठाते हैं।

ब्रज मंडल में फागुन माह लगते ही होली का डाणा गाढ़ा जाता है तभी से ब्रज में होली की शुरुआत हो जाती है और पूरे फागुन माह में होली के उत्सव मनाए जाते हैं। नंदगांव और बरसाना की लट्ठमार होली के बाद में ब्रज के हर गांव में होली मिलन समारोह एवं रंगों का आयोजन किया जाता है जिसमें आसपास के सभी लोग इकट्ठा होकर आपस में एक दूसरे से मिलते हैं और बधाई देते हैं। बताते चलें ब्रज में बरसाने की लट्ठमार होली के अलावा दाऊजी महाराज का हुरंगा और फालेन गांव का आग से निकलने वाला पंण्डा श्री कृष्ण जन्मभूमि की होली के साथ साथ गोकुल रमणरेती में गुरु शरणानंद महाराज का होली, गोकुल की छड़ी मार होली आदि ब्रज के प्रमुख कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। जिसमें गांव मुखराई में होने वाला चरकुला नृत्य अपने आप में खास अहमियत रखता है।

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