तंबाकू चबाने से लेकर सिगरेट, हुक्का और बीड़ी समेत अन्य तंबाकू (stop tobacco) उत्पादों का सेवन करने वाले लोगों को फेफड़े का कैंसर सबसे अधिक खतरा रहता है।

  • तंबाकू (stop tobacco) से बने उत्पादों में हानिकारक केमिकल होते हैं।
  • जब इनका सेवन कोई करता है तो यह फेफड़े के आसपास की सेल्स तक पहुंच जाते हैं व वहां की जींस को डैमेज कर देते हैं।
  • जिसके बाद व्यक्ति लंग कैंसर की चपेट में आ जाता है।
  • लोगों को भ्रम है कि जो तंबाकू (stop tobacco) चबाते हैं और थूक देते हैं उनको फेफड़े का कैंसर नहीं होगा।
  • तो यह धारणा कतई गलत है।
  • यह बातें आईएमए भवन में नशा मुक्ति आन्दोलन (stop tobacco) और इण्डियन मेडिकल एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में एक प्रेसवार्ता के दौरान कहीं गईं।
  • इस दौरान नशा मुक्ति आन्दोलन के संयोजक बृजनन्दन यादव, केजीएमयू के पल्मोनरी विभाग के प्रो. अजय वर्मा, केजीएमयू के प्रोस्थोडेन्टिस्ट विभाग के प्रो0 डा. रमाशंकर एवं केजीएमयू के पायरियोडेन्टिस्ट विभाग के प्रो0 उमेश प्रताप और केन्द्रीय होम्योपैथिक चिकित्सा परिषद के सदस्य डा. अनिरूद्ध वर्मा और आईएमए की तरफ से मनोरोग चिकित्सक डा. शास्वत सक्सेना ने संबोधित किया।
  • संगठन से सभी पदाधिकारियों ने राज्य सरकार से तंबाकू (stop tobacco) पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है।

ये भी पढ़ें- छेड़छाड़ करने वाले 14 आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज!

नशा से मुक्ति दिलाना सबसे बड़ी चुनौती

  • विशेषज्ञों ने बताया कि उत्तर प्रदेश के लोगों को नशा से मुक्ति दिलाना सबसे बड़ी चुनौती है।
  • नशा मुक्ति आन्दोलन प्रदेश सरकार से मांग करती है कि देश के सबसे बड़े प्रदेश में तंबाकू पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाकर आगे की पीढ़ी को रोका जा सके।
  • उन्होंने बताया कि इस साल यूपी भर में युवाओं और शिक्षण संस्थानों को ध्यान में रखते हुए एक बड़ा अभियान चलाकर युवाओं को नशा मुक्ति दिलाने का प्रयास किया जायेगा।
  • ताकि उनका जीवन बर्बाद होने से बचाया जा सके।
  • डाक्टरों ने बताया कि नशा को छुड़ाने में मोटीवेशन थेरेपी काफी मददगार है।
  • इसके जरिये लगभग 60 प्रतिशत लोगों को नशा से मुक्ति दिलाई जा सकती है।
  • उन्होंने कहा कि लंग कैंसर का मुख्य कारण धूम्रपान है इससे सीओपीडी होने के खतरे बढ़ जाते हैं।
  • धूम्रपान से ही दमा और टीबी होने की भी संभावना बढ़ जाती है।

ये भी पढ़ें- छेड़छाड़ मामले में पकड़े गए नौ आरोपी, एक नाबलिग भी शामिल!

40 प्रकार के कैंसर होने का खतरा

  • तंबाकू के सेवन से 40 प्रकार के कैंसर होते हैं।
  • इसके सेवन से 25 प्रकार की बीमारियां भी होती हैं।
  • उन्होंने बताया की धूम्रपान के सेवन से 95 प्रतिशत मुंह के कैंसर का खतरा भी होता है।
  • इसके सेवन से 2500 लोग लोग गंभीर बीमारियों की चपेट में आकर मौत के मुंह में चले जाते हैं।

ये भी पढ़ें- सरेराह लड़कियों से छेड़छाड़, वीडियो हुआ वॉयरल!

प्रतिदिन 22 सौ लोगों की होती है मौत

  • डॉक्टरों और विशेषज्ञों का मानना है कि धूम्रपान एक मीठा जहर है।
  • भारत में 80% लोग धूम्रपान करते हैं।
  • 184 करोड़ लोग तम्बाकू का सेवन करते हैं और इससे 2200 लोगों की रोजाना मौत हो जाती है।
  • धूम्रपान के सेवन से गुर्दे और पेशाब की थैली के साथ किडनी तक का कैंसर होने का खतरा रहता है।
  • धूम्रपान की लत को छोड़ने के लिए होम्योपैथी की मीठी गोलियां काफी कारगर है।

ये भी पढ़ें- छेड़छाड़ के विरोध में बुरी तरह से पीटा, सीने पर दांत से काटा!

UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें