नोएडा अथॉरिटी के हजारों करोड़ रूपये के घोटाला मामले में आरोपी यादव सिंह की जमानत याचिका आज हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने ख़ारिज कर दी। ईडी मामले में यादव सिंह की तरफ से जमानत याचिका दाखिल की गई थी। जिसे आज हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया।
यह है पूरा मामला
- बता दें कि नोएडा में हुए करोड़ों रुपये के घोटाले के आरोप में घिरे धनकुबेर यादव सिंह को मंगलवार को लखनऊ कोर्ट में पेशी पर लाया गया।
- यादव सिंह समेत उनके नोयडा अथॉरिटी के नौ साथी भी बहुचर्चित टेंडर घोटाले में डासना जेल में सजा काट रहे हैं।
- सीबीआई टीम ने पिछले दिनों यादव सिंह की पत्नी कुसुमलता की तलाश में यूपी के कई जिलों में उनके ठिकानों पर छापेमारी की थी।
- यह छापेमारी दिल्ली और कानपुर में उनके रिश्तेदारों के यहां भी की गई।
- नोएडा अथॉरिटी और यमुना एक्सप्रेस-वे के पूर्व चीफ इंजीनियर यादव सिंह को जब पेशी पर लाया गया तो उनके समर्थक भी उनके साथ थे।
- सीबीआई ने यादव सिंह के नोएडा में सेक्टर-51 के एक फ्लैट एवं आगरा के तीन फ्लैटों को सीज पर दिया। वहीं बीते 16 जनवरी को नोएडा प्राधिकरण के रसूखदार इंजीनियर रहे यादव सिंह की बनायी 19.92 करोड़ की सम्पत्ति को आयकर विभाग की टीम ने जब्त किया था।
- भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार यादव सिंह को आज सीबीआई ने कोर्ट में पेश किया।
- यादव सिंह पर आरोप है कि उसने नोएडा प्राधिकरण में चीफ इंजीनियर रहते हुए कई सौ करोड़ रुपये घूस लेकर ठेकेदारों को टेंडर बांटे।
- यही नहीं नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेस अथॉरिटी में इंजीनियर रहते हुए यादव सिंह की सभी तरह के टेंडर और पैसों के आवंटन में बड़ी भूमिका होती थी।
- इस तरह यादव सिंह ने अकूत धन कमाया। सीबीआई ने यादव सिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा 409, 420, 466, 467, 469, 481 के अलावा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज किया है।
- यादव सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार, आपराधिक साजिश, धेखाधड़ी, फर्जीवाड़ा और कानून के उल्लंघन के संबंध में केस दर्ज किया गया है। इस मामले में अबतक 80 बिल्डरों से पूछताछ हो चुकी है।