ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण भ्रष्टाचार का सरकारी अड्डा है। नोएडा में यादव सिंह तो अब यमुना में पीसी गुप्ता का 1 हज़ार करोड़ रुपये का घोटाला किए जाने के मामले में पूर्व सीईओ पीसी गुप्ता समेत उनके 13 करीबियों के ऊपर एफआईआर दर्ज हुई है।
1 हज़ार करोड़ रुपए की लूट के आरोपी है पीसी गुप्ता
यमुना प्राधिकरण पर 2012 को यमुना लूटने की नींव रखी गई और इसके सरगना पूर्व सीईओ पीसी गुप्ता थे। पीसी गुप्ता 2006 में जिले में आए और अलग अलग समय पर ग्रेटर नोएडा नोएडा और यमुना में तैनात रहे, लेकिन असली खेल गुप्ता ने यमुना प्राधिकरण में खेला। इसी प्राधिकरण में 2012 से 13 तक एसईओ रहे।
फिर आइएएस पर प्रमोट होकर इसी प्राधिकरण के मुखिया यानी सीईओ बन गए, और रच डाली 1 हज़ार करोड़ रुपए की लूट गाथा। यमुना प्राधिकरण क्षेत्र मथुरा के कुछ हिस्सों में भी लगता है। प्राधिकरण उस जमीन को तब तक नहीं खरीदता जब तक उस जमीन की ज़रूरत न हो। लेकिन मुखिया पीसी गुप्ता ने मथुरा तक उन ज़मीनों का अधिग्रहण करना शुरू किया जिसकी कोई ज़रूरत ही नही थी और अरबो रुपए मुआवज़ा बात दिया।
कैसे हुआ घोटाला
अब आप सोच रहे होंगे कि ये घोटाला कहां से हो गया, हम आपको बताते है जो ज़मीने खरीदी गई पहले गुप्ता ने अपने रिश्तेदारों और परिचित कम्पनियों से कौड़ियो के दाम पर किसानों से खरीदवा ली। चूंकि मास्टर प्लान में उन ज़मीनों का कोई जिक्र नहीं था। लिहाज़ा किसानों ने भी ज़मीनें बेच दी क्योंकि ये ज़मीने उनके भी किसी काम की नहीं थी।
जब ज़मीनें यहां से लेकर मथुरा तक गुप्ता के चहेतों ने खरीद ली तो मुखिया की कुर्सी पर आसीन पीसी गुप्ता ने प्राधिकरण में एक नोट जारी किया। उन ज़मीनो का नोटिफकेशन जारी कर दिया और उन ज़मीनो का अधिग्रहण करना शुरू कर दिया। ज़मीनों का अधिग्रहण होता रहा और सरकार की तरफ से निर्धारित मुआवज़े के तौर पर ज़मीनो का 4 गुना मुआवज़ा प्राधिकरण मालिको को देता रहा।
13 लोगों के खिलाफ फोर्ज़री और भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज
जब इन ज़मीनों के घोटाले की खबर प्रकाश में आया तो चैयरमेन व मेरठ मंडल के कमिश्नर प्रभात कुमार ने जांच के आदेश दिए। आज उसकी रिपोर्ट आने के बाद कासना थाने में पिसी गुप्ता समेत 13 लोगों के खिलाफ फोर्ज़री और भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज कराया गया। वहीं एसएसपी ने कार्यवाही करते हुए पुलिस की 3 टीमें तैयार करी है पीसी गुप्ता समेत अन्य नामजद लोगो के घरों पर दबिश दी जा रही है। इनकी गिरफ्तारी के बाद कई बड़े अफसरों के नाम भी सामने आ सकते है जो कि इतने बड़े घोटाले में शामिल रहे।