यूपी के ग्रेटर नोएडा यमुना विकास प्राधिकरण के बड़े अफसर ए के सिंह को पुलिस ने अनियमितता के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है. प्राधिकरण में डीजीएम प्रोजेक्ट के ओहदे पर तैनात एके सिंह की गिरफ्तारी प्राधिकरण के चेयरमैन प्रभात कुमार की पहल पर की गई है. एके सिंह कुछ दिनों पहले ही गाजियाबाद विकास प्राधिकरण से ट्रांसफर होकर ग्रेटर नॉएडा यमुना विकास प्राधिकरण में आये थे.
झूठी शिकायत का है आरोप:
- एके सिंह पर एक केंद्रीय मंत्री और प्राधिकरण के चेयरमैन के खिलाफ रिश्वत लेने की झूठी शिकायत करने का आरोप है.
- प्राधिकरण के चेयरमैन डॉ. प्रभात कुमार ने इस मुद्दे पर बात की.
- प्राधिकरण में महाप्रबंधक परियोजना का पद एक साल से खाली है.
- इस पर तैनाती की प्रक्रिया चल रही थी.
- बागपत के ग्रामीण अभियंत्रण सेवा में अधिशासी अभियंता देवेंद्र सिंह बालियान का नाम सरकार को भेजा गया था.
- उसके बाद चार लोगों ने शासन स्तर पर इसकी शिकायत की थी.
- आरोप था कि प्रमुख सचिव और चेयरमैन तीन करोड़ रुपए की रिश्वत लेकर जीएम प्रोजेक्ट की तैनाती करते हैं.
सिफारिश का आरोप झूठा निकला:
- शिकायत में कहा गया कि एक केंद्रीय मंत्री की सिफारिश पर देवेन्द्र सिंह को यहां तैनात किया जा रहा है.
- सरकार स्तर पर शिकायतों की जांच करवाई गई.
- इसके अलावा प्राधिकरण ने भी अपने स्तर पर जांच की.
- इस जांच में सभी आरोप झूठे निकले.
- इसमें प्राधिकरण के अफसर के शामिल होने का शक था.
- 11 अगस्त को कासना कोतवाली में चारों शिकायतकर्ता और अज्ञात प्राधिकरण अफसरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है.
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