उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में यमुना नदी के प्रदूषण के मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बुधवार 1 नवम्बर को हुई सुनवाई(yamuna pollution hearing) के बाद कड़ा रुख अपना लिया है। इसके साथ ही इलाहाबाद हाई कोर्ट ने गलत हलफनामा देने वाले अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए हैं।
नगर निगम, जल संस्थान व राज्य सरकार के हलफनामे में जमीन-आसमान का फर्क(yamuna pollution hearing):
- सूबे के मथुरा जिले में यमुना नदी के प्रदूषण को लेकर इलाहाबाद HC ने कड़ा रुख अपनाया है।
- जिसके तहत इलाहाबाद हाई कोर्ट में यमुना के प्रदूषण को लेकर सुनवाई की गयी थी।
- सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने मामले में गलत हलफनामा देने वाले अफसरों पर कार्रवाई के आदेश दिए हैं।
- यह आदेश सूबे के मुख्य सचिव को दिए गए हैं।
- गौरतलब है कि, इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश के बाद मथुरा नगर निगम, जल संस्थान और,
- सरकार की ओर से हलफनामा दाखिल किया गया था।
- लेकिन नगर निगम और जल संस्थान के अफसरों ने गलत हलफ़नाम दाखिल कर दिया,
- जिसके बाद बुधवार को सूबे के मुख्य सचिव ने कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया,
- इस दौरान कोर्ट ने मुख्य सचिव को अफसरों पर कार्रवाई के आदेश भी दिए।
अगली सुनवाई 6 नवम्बर को(yamuna pollution hearing):
- गौरतलब है कि, इलाहाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस अरुण टंडन और जस्टिस राजीव जोशी की खंडपीठ ने मधु मंगल शुक्ल की जनहित याचिका पर सुनवाई की थी।
- ज्ञात हो कि, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड पहले ही कह चुका है कि, यमुना प्रदूषित है।
- वहीँ मामले में अगली सुनवाई 6 नवम्बर को होनी है।
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