भारतीय जनता पार्टी लखनऊ महानगर क्षेत्र में मुख्यमंत्री ने उपमुख्यमंत्री, प्रदेश संगठन महामंत्री सहित कई पदाधिकारी कार्यकर्ताओं एवं बूथ समिति के साथ बैठकर 30 दिसम्बर रविवार को ‘मन की बात’ सुनी। महामंत्री पुष्कर शुक्ला ने बताया कि विक्रमादित्य वार्ड के बूथ समिति कार्यकर्ता मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ मुख्यमंत्री आवास 5 कालीदास मार्ग पर ‘मन की बात’ सुनी। लालकुंआ वार्ड की बूथ समितियां प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल, महानगर अध्यक्ष मुकेश शर्मा एवं प्रदेश उपाध्यक्ष जे.पी.एस. राठौर के साथ, काल्विन कालेज वार्ड की बूथ समिति कार्यकर्ताओं ने उपमुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा एवं अवध क्षेत्र अध्यक्ष सुरेश तिवारी के साथ बजरिया पार्क चौथी गली निशातगंज एवं बाबू जगजीवनराम वार्ड के बूथ समिति कार्यकर्ताओं ने प्रदेश महामंत्री/विधायक पंकज सिंह के साथ सेक्टर 17 इन्दिरानगर में तथा क्षेत्रीय संगठन महामंत्री प्रद्युम्न ने कन्हैया माधवपुर द्वितीय के बेगरिया गांव में तथा सभी विधायक एवं पदाधिकारियों ने प्रधानमंत्री के ‘मन की बात’ कार्यक्रम को रेडियो पर सुना।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 51वीं बार देशवासियों से मन की बात की। पीएम ने मन की बात कार्यक्रम में कहा कि 2018 को भारत एक देश के रूप में अपनी एक सौ तीस करोड़ की जनता के सामर्थ्य के रूप में कैसे याद रखेगा। यह याद करना भी महत्वपूर्ण है। हम सब को गौरव से भर देने वाला है। मोदी ने कहा, “इस साल हमने चेन्नई के डॉक्टर जयाचंद्रन को खोया। वे गरीबों को मुफ्त इलाज प्रदान करते थे। दिसंबर में सुलागिट्टी नरसम्मा का निधन हुआ था। उन्होंने कर्नाटक में प्रसव के लिए महिलाओं के बीच काम किया। हमारे समाज में, हमारे आस-पास बहुत कुछ अच्छे काम हो रहे हैं और ये सब 130 करोड़ भारतवासियों के सामूहिक प्रयासों से हो रहा है। आजकल कई वेबसाइट समाज में बदलाव लाने वाले नायकों की कहानियों को फैलाने का काम कर रही हैं।
मैंने अभी thebetterindia.com का उल्लेख किया था। जहाँ मुझे डॉ. जयाचंद्रन के बारे में पढ़ने को मिला और जब मौका मिलता है तो मैं जरुर website पर जाकर के ऐसी प्रेरित चीजों को जानने का प्रयास करता रहता हूँ। ख़ुशी है कि ऐसी कई website हैं जो प्रेरणा देने वाली कई कहानियों से परिचित करा रही है। जैसे thepositiveindia.com समाज में positivity फ़ैलाने का काम कर रही है। इसी तरह yourstory.com उस पर young innovators और उद्यमियों की सफलता की कहानी को बखूबी बताया जाता है। इसी तरह samskritabharati.in के माध्यम से आप घर बैठे सरल तरीके से संस्कृत भाषा सीख सकते हैं। क्या हम एक काम कर सकते हैं। ऐसी website के बारे में आपस में share करें। Positivity को मिलकर viral करें। Negativity फैलाना काफी आसान होता है। लेकिन, हमारे समाज में, हमारे आस-पास बहुत कुछ अच्छे काम हो रहे हैं और ये सब 130 करोड़ भारतवासियों के सामूहिक प्रयासों से हो रहा है। जनवरी में उमंग और उत्साह से भरे कई सारे त्योहार आने वाले हैं।
विविधता में एकता’ – ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना की महक हमारे त्योहार अपने में समेटे हुए हैं।
हमारे पर्व, त्योहार प्रकृति से निकटता से जुड़े हुए हैं।
मैं आप सभी को 2019 की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ देता हूँ और आने वाले त्योहारों का आप भरपूर आनन्द उठाएँ इसकी कामना करता हूँ। इन उत्सवों पर ली गई Photos को सबके साथ share करें ताकि भारत की विविधता और भारतीय संस्कृति की सुन्दरता को हर कोई देख सके। हमारी संस्कृति में ऐसी चीज़ों की भरमार है, जिनपर हम गर्व कर सकते हैं और पूरी दुनिया को अभिमान के साथ दिखा सकते हैं और उनमें एक है कुंभ मेला।
कुंभ की दिव्यता से भारत की भव्यता पूरी दुनिया में अपना रंग बिखेरेगी।
पीएम मोदी ने कहा कि मेरा आप सब से आग्रह है कि जब आप कुंभ जाएं तो कुंभ के अलग-अलग पहलू और तस्वीरें social media पर अवश्य share करें ताकि अधिक-से-अधिक लोगों को कुंभ में जाने की प्रेरणा मिले।
26 जनवरी 2019 के गणतंत्र दिवस समारोह को लेकर हम देशवासियों के मन में बहुत ही उत्सुकता रहती है।
2018 नेल्सन मंडेला के जन्म शताब्दी वर्ष के रूप में भी मनाया जा रहा है।
कुछ दिन पहले गुजरात के नर्मदा के तट पर केवड़िया में DGP conference हुई, जहाँ पर दुनिया की सबसे ऊँची प्रतिमा ‘Statue of Unity’ है, वहाँ देश के शीर्ष पुलिसकर्मियों के साथ सार्थक चर्चा हुई।
13 जनवरी गुरु गोबिंद सिंह जी की जयन्ती का पावन पर्व है।
पीएम मोदी ने कहा कि मैं कल काशी में था और आज यहां विराट समंदर की गोद में आप सभी के बीच मौजूद हूं। मां गंगा अपनी पवित्रता से जिस प्रकार भारत के जन-मानस को आशीर्वाद देती रही है। उसी प्रकार ये सागर अनंत काल से मां-भारती के चरणों का वंदन कर रहा है, राष्ट्र की सुरक्षा और सामर्थ्य को ऊर्जा दे रहा है। आपके पास प्रकृति का अद्भुत खज़ाना तो है ही, आपकी संस्कृति, परंपरा, कला और कौशल भी बेहतरीन है। थोड़ी देर पहले यहां पर जो नृत्य प्रस्तुत किया गया, बच्चों ने जो कला का प्रदर्शन किया, वो दिखाता है कि भारत की सांस्कृतिक संपन्नता हिंद महासागर जितनी ही विराट है। ये देश के विकास के लिए हमारी उस सोच का विस्तार है, जिसके मूल में Infrastructure है, Connectivity है। सबका साथ, सबका विकास, यानि विकास से देश का कोई नागरिक भी ना छूटे और कोई कोना भी अछूता ना रहे, इसी भावना का ये प्रकटीकरण है। सुरक्षा के साथ-साथ कार-निकोबार में विकास की पंचधारा बहे, बच्चों को पढ़ाई, युवाओं को कमाई, बुजुर्गों को दवाई, किसानों को सिंचाई, जन-जन की सुनवाई, ये सभी सुविधाएं मिलें, इसके लिए भी काम किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने मन की बात कार्यक्रम में देशवासियों से कहा कि कार-निकोबार के युवा पारंपरिक रोज़गार के साथ-साथ आज शिक्षा, चिकित्सा और दूसरे कामों में भी आगे बढ़ रहे हैं। स्पोर्ट्स की स्किल तो यहां के युवा साथियों में रची-बसी है। कार-निकोबार फुटबॉल समेत अनेक खेलों में देश के बेहतरीन स्पोर्टिंग टैलेंट के लिए भी मशहूर हो रहा है। केंद्र सरकार अंडमान और निकोबार में रहने वाले हर नागरिक के लिए जीवन से जुड़ी हर व्यवस्था को आसान करने में जुटी है। सस्ता राशन हो, स्वच्छ पानी हो, गैस कनेक्शन हो, केरोसिन हो, हर सुविधा को आसान करने का प्रयास किया जा रहा है। केंद्र सरकार हमारे मछुआरों को सशक्त करने में जुटी है। हाल में ही देश में मछलीपालन को लाभकारी व्यवसाय बनाने के लिए 7 हज़ार करोड़ रुपए के एक विशेष फंड का प्रावधान किया गया है। इसके तहत मछुआरों को उचित दरों पर ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है।
पीएम ने कहा कि कार-निकोबार के पर्यावरण को संरक्षित रखते हुए सौर ऊर्जा की संभावनाओं को तलाशा जा रहा है, तराशा जा रहा है। आज भारत दुनिया के उन देशों में है जहां सौर ऊर्जा का उत्पादन और उपयोग सबसे तेज़ी से बढ़ रहा है। सौर ऊर्जा से देश को सस्ती और ग्रीन एनर्जी देने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। देश की ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए यहां Trans-shipment Port की आधारशिला आज रखी गई है। इस परियोजना से खाड़ी के दक्षिणी हिस्से में नए उद्यमों के लिए अवसर बनेंगे। इसी के साथ सागरमाला योजना के तहत देशभर के समुद्री तटों को विकसित करने की बड़ी योजना चल रही है। कार-निकोबार में कैंबल बे में करीब 50 करोड़ रुपए की लागत से कैंबल बे जेट्टी का विस्तार करीब डेढ़ सौ किलोमीटर तक किए जाने का निर्णय लिया गया है। इसके साथ-साथ मूस जेट्टी की गहराई बढ़ाने के लिए भी योजना बनाई गई है, ताकि यहां बड़े जहाज़ों को रुकने में मुश्किल ना हो।
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