प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा नई दिल्ली नेहरू स्मारक संग्रहालय एवं पुस्तकालय के आॅडिटोरियम में आयोजित भव्य कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं एवं युवाओं के लिये लिखी गयी प्रेरणादायी पुस्तक ‘एग्ज़ाम वाॅरियर्स’ के विमोचन अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा प्रदत्त अनमोल रत्न के हिंदी संस्करण के लिये बधाई देते हुये कहा कि मानव जीवन में किताबें सच्ची और अच्छी दोस्त होती हैं।
उन्होंने इस पुस्तक के माध्यम से जीवन के लिये सफलता के कुछ मंत्र दिये हैं और मंत्रों की महत्ता भारतीय समाज से अधिक और कौन समझ सकता है। उन्होंने बताया कि यह किताब छात्र-छात्राओं के लिये परीक्षा के दौरान ही नहीं, बल्कि व्यक्ति के जीवन में सफल होने के लिये सहायक हो सकती हैं। उन्होंने कहा इस पुस्तक में ‘अक्ल को हां और नकल को ना’ कहने का भी मंत्र दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने अपने सम्बोधन में कहा कि इस पुस्तक के द्वारा बड़ी ही सहजता एवं सरलता के साथ सामाजिक उदाहरणों के माध्यम से समझाया गया है, कि हम कक्षा या फिर जीवन की किसी भी परीक्षा को कितनी सरलता एवं सहजता के साथ उत्तीर्ण कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि मनुष्य ईश्वर की सर्वश्रेष्ठ कृति है, इस नाते जीवनभर उसे कुछ न कुछ सीखना होता है। उन्होंने यह भी कहा कि हर व्यक्ति अपने आप में एक छात्र होता है।
हमारे छात्र-छात्राओं पर परीक्षा के दौरान परिवार या महाविद्यालय के शिक्षकों का जो मनोवैज्ञानिक दवाब होता है, उससे वह तनाव में रहने लगता है। उसकी एकाग्रता भंग हो जाती है और फिर घबराहट के चलते सब कुछ जानते हुये भी वह परीक्षा में कुछ नहीं लिख पाता है। उन्होंने कहा कि हम सभी को परीक्षा को उत्सव, उमंग और उल्लास के साथ भाग लेना चाहिये।
इस पुस्तक का अवलोकन करने पर ज्ञात होता है कि पुस्तक में दिये गये मंत्र जीवन की परीक्षा के लिये कितने उपयोगी हैं। प्रत्येक व्यक्ति चाहे वह छात्र हो या शिक्षक या फिर अन्य व्यवस्था से जुड़ा हुआ पक्ष हो, उसको किसी न किसी परीक्षा के दौर से गुजरना पड़ता है, परन्तु यदि वह इसे भय का पर्याय बना लेता है तो फिर वह सफल नहीं हो सकता है।
उन्होंने कहा कि जब हम किसी भी चुनौती को बिना किसी तनाव एवं पूर्वाग्रह के स्वीकार करते हैं तो कार्य स्वतः ही सम्पन्न हो जाता है। इसके लिये मुख्यमंत्री ने गाजियाबाद से लेकर हरिद्वार तक जाने वाली सफलतापूर्वक सम्पन्न हुयी कांवड़ यात्रा का उदाहरण प्रस्तुत किया, जिसको प्रदेश सरकार द्वारा उल्लास एवं उत्साह के साथ सम्पन्न कराया तथा भक्तजनों को समुचित सुविधा भी प्रदान की गयी।
सीएम ने कहा कि विद्यार्थियों के जीवन में अभिभावकों और शिक्षकों को कभी भी किसी प्रकार का बैरियर नहीं लगाना चाहिये, बल्कि उन्हें स्वच्छ वातावरण प्रदान करना चाहिये। सीएम कहा कि यह पुस्तक देश के युवाओं को एक नई दिशा प्रदान करेगी। भारत का हर युवा जो आगे बढ़ना चाहता है, अपना जीवन स्तर ऊंचा उठाना चाहता है। सभी को यह पुस्तक पढ़नी चाहिये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम आगे से व्यवस्था करेंगे कि कैसे परीक्षा और सरल हो इस दिशा में कार्य करने की अत्यन्त आवश्यकता है। स्वतः स्फूर्ति भाव के साथ परीक्षाओं के प्रति उनका स्वाभाविक एक भाव जाग्रत हो, इस दिशा में भी कार्य करने की आवश्यकता है। इस पुस्तक में व्यक्ति के जीवन में घटित होने वाली उन छोटी-छोटी घटनाओं को सरलता के साथ बेहतर उदाहरण प्रस्तुत करके पुस्तक को जीवन्तता प्रदान की गयी है।
उन्होंने कहा कि मनुष्य की महानता वहीं से आरम्भ होती है, जहां पर वह पराजय से आगे बढ़ा है। इस किताब में प्रधानमंत्री ने डाॅ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का उदाहरण दिया है, जो एक फाइटर पायलट बनना चाहते थे जो न बन सके, बल्कि परमाणु वैज्ञानिक बन गये और देश के परमाणु के कार्यक्रम को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिये उन्हें भारत रत्न मिला और फिर भारत के राष्ट्रपति के रूप में उनके यशस्वी कार्यकाल को इस देश ने अनुभव किया है।
हंसते हुये जाइये और मुस्कराते हुये आइये। थोड़ा देखिये इस पुस्तक को। यानी अक्सर जो घबराहट होती है, पुस्तक में प्रधानमंत्री ने बताया है कि आराम से बैठिये और तीन बार लम्बी सांस लीजिये, घबराहट स्वतः ही दूर हो जायेगी। इस किताब में ऐसी-ऐसी रोचक जानकारियां दी गयी हैं कि हम अपने सामने की चुनौतियों को हंसते-खेलते कैसे परेशानियों को दूर कर सकते हैं।
भारतीय दर्शन और भारतीय साहित्य एवं शास्त्र सदैव सकारात्मकता की ओर ले जाते हैं, कभी नकारात्मकता में इसका समापन नहीं होता है। हमने सदैव ही जीवन में रचनात्मकता को महत्व दिया है। किताब में चौथा मंत्र है कि वाॅरियर बने वरियर नहीं। उन्होंने कहा कि वास्तविक ज्ञान वही है जो हमारा व्यावहारिक ज्ञान है। परीक्षाओं का सरलीकरण होना चाहिये। परीक्षायें जीवन संग्राम में आगे बढ़ने के लिये हैं।
पांचवां मंत्र दिया गया है कि प्रतिस्पर्धा नहीं अनुस्पर्धा हो। अक्सर होता है कि छात्र अपने सहपाठी को प्रतिस्पर्धा के चलते अपना दुश्मन मानने लगते हैं। दुश्मन न बनकर दोस्त बनकर एक दोस्त का सहयोग बन कर टीम भावना के साथ कैसे हम लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। टीम वही विजयी होती है, जिसमें परस्पर समन्वय और संवाद होता है। समय आपका है सदुपयोग कीजिये। जीवन में आत्मानुशासन का क्या महत्व हो सकता है।
इस देश ने आजादी के बाद यह महसूस किया कि गांव की समस्याओं को समझते हुये गांव के हुनर को प्रधानमंत्री स्किल डेवलपमेंट के माध्यम से एक मंच प्रदान करने के लिये प्रधानमंत्री कौशल विकास मिशन के नाम से एक मंत्रालय का ही गठन कर दिया गया, जिसमें उत्तर प्रदेश में 06 लाख युवाओं का पंजीकरण कराया गया। 02 लाख 50 हजार ने परीक्षा उत्तीर्ण की, जिसमें से 01 लाख 40 हजार हुनरमंद युवाओं को प्लेसमेंट दिया गया और वह युवा व युवती घर बैठे 15 से 35 हजार रूपये प्रतिमाह की कमाई कर रहा है।
सड़क दुघर्टनाओें पर पूर्ण विराम लगाये जाने के लिये ठोस प्रयास किये जा रहे हैं। पहली बार स्टार्टअप, स्टैण्ड अप और डिजटल इण्डिया के माध्यम से तकनीक पर जोर दिया जा रहा है। इसके लिये उन्होंने आईआईटी0 कानपुर के एक संस्मरण को विस्तार से समझाया। पुस्तक मे दिये गये अगले मंत्र के बारे में मुख्यमंत्री जी ने बताया कि वर्तमान में रहो, जिसके लिये उन्होंने सचिन तेन्दुलकर का उदाहरण देते हुये बताया कि वर्तमान में रहते हुये अपनी पूर्ण ऊर्जा को आगे बढ़ने में लगाना चाहिये। तकनीक के माध्यम से पढ़ाई को रोचक और सरल बनाया जा सकता है।
उन्होंने तकनीक के लिये डीबीटी योजना पर प्रकाश डालते हुये बताया कि उत्तर प्रदेश में सत्यापन के दौरान फर्जी राशन कार्डों की बात स्वीकार करते हुये तकनीक के इस्तेमाल से पात्रों को राशन कार्ड उपलब्ध कराते हुये 14 हजार दुकानों में प्वाइंट सेल मशीन लगाकर आधार से लिंक कराते हुये लाभार्थी को यह छूट दी गई कि किसी भी दुकान से राशन ले सकते हैं।
अब 14 हजार मशीनों से हमको प्रतिमाह 33 हजार करोड़ रुपए प्रतिमाह की बचत हो रही है और अब हम सभी शेष 66 हजार दुकानों पर प्वाइंट आॅफ सेल के माध्यम से राशन दिये जाने पर कार्य किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि हमको मशीनों का गुलाम भी नहीं बनना चाहिये। एक निश्चित समय तय करते हुये तकनीक का उपयोग करना चाहिये।
करना है बेहतर काम तो करें पर्याप्त आराम। किताब के दसवें मंत्र में समय का सदुपयोग करने की नसीहत देते हुये मुख्यमंत्री ने बताया कि तनाव मुक्त जीवन जीने के लिये 24 घंटे में 04 से 06 घंटे तनाव मुक्त रहकर अवश्य नींद लेना चाहिये। जीवन को इस रूप में बांटिए कि हर एक कार्य के लिये समय सुनिश्चित किया जा सके। अच्छी नींद सफलता दिलाती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि खेलों का भी जीवन में अपना अलग ही महत्व है। समय का महत्व समझकर यदि कार्य करेंगे तो कभी भी परेशानी नहीं होगी और कार्य भी बड़े ही सरल एवं सहजता के साथ पूर्ण होता है। उन्होंने पुस्तक में दिये गये 25 मंत्रों को जीवन में अपनाने तथा परीक्षा की घड़ी को सहजता से अपनाने एवं व्यावहारिक ज्ञान के संग्रहण पर विशेष रूप से उल्लेख किया।
समारोह में नेहरू संग्राहलय के चेयरमैन योगेश चन्द्रा, निदेशक शक्ति सिन्हा, प्रमुख सचिव सूचना, उत्तर प्रदेश अवनीश कुमार अवस्थी के अतिरिक्त सांसद, लेखक, साहित्यकार, पत्रकार, लोक कलाकार एवं विभिन्न क्षेत्रों से जुडे़ गणमान्यजन मौजूद थे।
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