उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने मंगलवार 1 अगस्त को सभी विवाहों के अनिवार्य पंजीकरण के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. जिसमें मुस्लिम समुदाय भी शामिल है. इस प्रस्ताव के चलते मुस्लिम दंपत्तियों को निकाह पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा. बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने मंगलवार को इस प्रस्ताव को मंजूरी दी.
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इस फैसल से हो सकेगी महिलाओं के हितों की रक्षा-
- विवाहों के अनिवार्य पंजीकरण के प्रस्ताव के मंज़ूर होने के बाद स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने वार्ता की.
- उन्होंने बताया कि इसकदम के पीछे सरकार का मकसद महिलाओं के हितों की रक्षा करना है.
- सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि मुसलमानों को नए प्रावधानों के तहत पंजीकृत दूसरे, तीसरे और चौथे विवाह को भी मिलना होगा.
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- उन्होंने आगे कहा कि केंद्र सरकार ने विवाह के अनिवार्य पंजीकरण को देश भर में लागू किया था.
- लेकिन सिर्फ नागालैंड और उत्तर प्रदेश में ये पंजीकरण लागू नही था.
- लेकिन मंगलवार को ये प्रस्ताव मजूर होने के बाद अब यूपी में भी इसे लागु कर दिया गया है.
- उन्होंने बताया कि शादी के पंजीकरण के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल की सुविधा होगी.
- इस पोर्टल पर पति और पत्नी की तस्वीरें रजिस्ट्रेशन पर पोस्ट की जाएगी.
- सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा जल्द ही इस संबंध में सरकारी आदेश जारी किया जाएगा.
मौलाना खालिद रशीद ने जताई थी शादी रजिस्ट्रेशन के फैसला पर आपत्ति-
- शादी रजिस्ट्रेशन के मामले को लेकर मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने आज बीजेपी सरकार पर हमला बोला.
- मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि शादी रजिस्ट्रेशन का फैसला आपत्तिजनक है.
- उन्होंने कहा कि जब शादी करना अनिवार्य नही तो रजिस्ट्रेशन अनिवार्य क्यों.
- बता दें कि शादी का पंजीकरण न करने वालों सजा देने की बात कही जा रही है.
- इस पर मौलाना खालिद रशीद ने कहा कि कानून और मजहब के अनुसार शादी करने वालों को नहीं भेज सकते जेल.
- उन्होंने कहा कि रजिस्ट्रेशन ना कराने पर शादी अवैध करार देना धर्म में दखल है.
- साथ ही इससे आम जनता को राहत की बजाए कठिनाई होगी.
- मौलाना खालिद रशीद ने कहा कि रजिस्ट्रेशन ना कराने वालों के खिलाफ़ कार्रवाई नामुनासिब होगी.
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