समाज कल्याण विभाग की तमाम योजनाओं में अल्पसंख्यकों को मिलने वाला 20 फीसदी कोटा खत्म नहीं किया जाएगा। इस बात की जानकारी स्वयं यूपी के समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री ने दी। शास्त्री को यह जानकारी इसलिए देनी पड़ी क्योंकि तमाम मीडिया चैनलों और वेब पोर्टल में 20 फीसदी कोटा खत्म करने की बात लाई जा रही थी। रमापति शास्त्री ने मीडिया में चल रही खबरों को आधारहीन बताया है।
कोटा देने के पक्ष में नहीं है बीजेपी नेता
- वर्ष 2012 में बनी सपा सरकार ने योजनाओं में अल्पसंख्यकों को 20 फीसदी कोटा मंजूर किया था।
- विपक्ष ने आरोप लगाया था कि अल्पसंख्यकों को रिझाने के लिए सपा सरकार ऐसा कर रही है।
- वहीं, रमापति शास्त्री ने कहा ‘हम योजनाओं में कोटा देने के पक्ष में नहीं हैं।’
- रमापति शास्त्री ने कहा ‘योजनाओं में किसी भी प्रकार को कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए।’
- योगी सरकार में वक्फ राज्यमंत्री मोहसिन रजा ने कहा ‘पिछली सरकार ने योजनाओं में कोटा देकर भेदभाव किया। योजनाओं में सभी का हक बराबर है।’
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या ने कहा ‘योजनाओं में कोटे का कोई मतलब नहीं है। योजनाएं सभी के विकास के लिए होती हैं।’ये भी पढ़ें: देखिए लखनऊ मेट्रो स्टेशन की पहली तस्वीर, हाईटेक फीचर्स से है लैस!
इन विभागों में अल्पसंख्यकों को दिया जाता है कोटा
- कृषि
- गन्ना विकास
- लघु सिंचाई
- उद्यान
- पशुपालन
- कृषि विपणन
- ग्रामीण विकास
- पंचायती राज
- चिकित्सा एवं स्वास्थ्य
- लोक निर्माण
- सिंचाई
- ऊर्जा
- लघु उद्योग
- खादी ग्रामोद्योग
- रेशम विकास
- पर्यटन
- बेसिक शिक्षा
- उच्च शिक्षा
- युवा कल्याण
- नगर विकास
- नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन
- पिछड़ा वर्ग कल्याण
- व्यावसायिक शिक्षा
- समाज कल्याण
- विकलांग कल्याण
- महिला कल्याण
- दुग्ध विकास
- समग्र ग्राम विकास
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क्या है पूरा मामला
- यूपी के समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत करीब 85 योजनाएं संचालित हो रही हैं।
- इन सभी योजनाओं में अल्पसंख्यकों को 20 फीसदी कोटा दिया जाता है।
- जिलों के जिलाधिकारियों के अधीन बनी एक कमिटी इन योजनाओं में अल्पसंख्यकों को मिलने वाले कोटे की निगरानी करती है।
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