भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश में नकल विहीन बोर्ड परीक्षाओं के आगाज को नकल उद्योग के ताबूत में ठुकी अंतिम कील बताया. प्रदेश प्रवक्ता डाॅ0 मनोज मिश्र ने कहा कि सपा-बसपा की सरकारों में पिछले 15 वर्षो में नकल उद्योग खूब पल्लवित किया. सपा-बसपा की सरकारों में शासन-प्रशासन एवं नकल माफियाओं की जुगलबंदी ने बोर्ड परीक्षा को भ्रष्टाचार का पर्याय बना दिया. भाजपा की सरकार ने नकल माफियाओं के मकडजाल को तोडकर मेधावी छात्रों की मेधा को सम्मान दिया है.
नक़ल पर लगी रोक: मनोज मिश्र
प्रदेश प्रवक्ता डाॅ. मिश्र ने कहा कि प्रदेश में डेढ़ दशक से फल-फूल रहे नकल उद्योग पर नकेल कसकर प्रशासन एवं नकल माफियाओं के तंत्र को तोड़ना कठिन कार्य था. योगी सरकार के बनते ही नकल विहीन परीक्षा के संकल्प के साथ काम शुरू किया गया. विद्यालयों में सीसीटीवी कैमरों को लगाने की कवायद शुरू की. नकल के लिए कुख्यात विद्यालयों के परीक्षा केन्द्र रद्द किये गए. छात्र रजिस्ट्रेशन में आधार नम्बर को जोड़कर फर्जीवाड़ा बंद किया. अब तक दस लाख से अधिक छात्र परीक्षा छोड़ चुके हैं विगत 15 वर्षो में प्रदेश में पढ़ाई का महौल खत्म कर दिया गया था और परीक्षाएं वार्षिक उत्सव के आयोजन बनकर रही गई थी.
शिक्षा के स्तर में होगा सुधार
नकल के सहारे परीक्षा पास करने के मंसूबे वाले छात्र परीक्षा केन्द्र तक जाने का साहस नहीं जुटा पा रहे है. डाॅ. मिश्र ने कहा कि योगी सरकार परीक्षा का तनाव खत्म करने के लिए शिक्षा पैटर्न बदलने पर भी विचार कर रही है. मनौवैज्ञानिक पद्धतियों से शिक्षा को रूचिकर बनाया जाएगा. शिक्षा के सुधार के पीछे योगी सरकार की मंशा प्रदेश की प्रतिभाओं का देश ही नहीं विश्व में सम्मान दिलाना है. उन्होंने कहा कि नक़ल रोकने के लिए सरकार ने प्रभावी कदम उठाये हैं और उसी का असर है कि नक़ल माफियाओं की कमर टूटी है. सरकार शिक्षा के स्तर में व्यापक सुधार करने के लिए संकल्पित है.
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