उत्तर प्रदेश की वर्तमान भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने सूबे में भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के तहत काम करना शुरू कर दिया है। इसके तहत योगी सरकार ने सूबे में कई सालों से एक ही पदों पर मौजूद अधिकारियों के तबादले की शुरुआत कर दी है।
आजम खान के चहेते अधिकारी समेत 3 अधिकारियों के तबादले:
- उत्तर प्रदेश योगी की सरकार ने सूबे में भ्रष्टाचार पर लगाम के लिए अपनी योजना को अमली जामा पहनाना शुरू कर दिया है।
- जिसके बाद सूबे में कुल 4 आईएएस अधिकारियों के तबादले कर दिए गए हैं।
- इन 4 अधिकारियों में एक अधिकारी पूर्व सपा मंत्री आजम खान के चहेते भी माने जाते हैं।
इन अधिकारियों के हुए ट्रान्सफर:
- योगी सरकार ने भ्रष्टाचार पर लगाम के लिए प्रशासनिक अधिकारियों पर कार्रवाई शुरू कर दी है।
- कार्रवाई के तहत सूबे के 3 आईएएस अधिकारियों के तबादले कर दिए गए हैं।
- योगी सरकार ने पूर्व सपा मंत्री आजम खान के चहेते एसपी सिंह का भी ट्रान्सफर कर दिया है।
- एसपी सिंह नगर विकास के पद पर तैनात थे।
- रिटायर होने के बाद भी एसपी सिंह नगर विकास में तैनात थे।
- साथ ही साथ एसपी सिंह ने अपने ऊपर प्रमुख सचिव की नियुक्ति नहीं होने दी थी।
- इसके साथ ही भवानी सिंह खंगारौत अपर आयुक्त मनरेगा यूपी,
- राम केवल विशेष सचिव कृषि उत्पाद, महिला कल्याण।
3 साल बाद विभाग को मिला प्रमुख सचिव:
- योगी सरकार ने रिटायरमेंट के बाद भी अपने पदों पर जमे लोगों के तबादले करने शुरू कर दिए हैं।
- जिसके बाद नगर विकास विभाग में करीब 3 साल बाद प्रमुख सचिव की नियुक्ति की गयी है।
- आईएएस कुमार कमलेश को नगर विकास का प्रमुख सचिव बनाया गया है।
- इससे पहले श्रीप्रकाश सिंह बतौर सचिव, OSD का काम देख रहे थे।
- गौरतलब है कि, विभाग के एक अधिकारी ने पूर्व मंत्री के साथ गठजोड़ के चलते प्रमुख सचिव की नियुक्ति को रुकवा दिया था।
- जिसके चलते 3 सालों के लम्बे इंतजार के बाद विभाग को प्रमुख सचिव मिल गया है।
अखिलेश यादव ने बढ़ाया था एक्सटेंशन:
- नगर विकास विभाग को करीब 3 साल बाद प्रमुख सचिव मिला है।
- इससे पहले विभाग के एक अधिकारी एसपी सिंह ने विभाग में प्रमुख सचिव की तैनाती को नहीं होने दिया।
- एसपी सिंह पूर्व नगर विकास मंत्री आजम खान के चहेते अधिकारी माने जाते हैं।
- आजम खान के करीबी होने के चलते अखिलेश ने जिन 76 अधिकारियों को एक्सटेंशन दिया था।
- उनमें से एक आईएएस एसपी सिंह थे।
- जो करीब तीन साल से पद पर बने रहे लेकिन विभाग में अपने राजनीतिक जान-पहचान के चलते प्रमुख सचिव की तैनाती को रोका।