अब 22 साल बाद खत्म होगा मुकदमा (योगी सरकार मुकदमा):
- 22 साल बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (योगी सरकार मुकदमा) सहित 13 लोगों पर धारा 144 के उल्लंघन मामले में राहत मिलने वाली है.
- बता दें, कि डीएम ने 27 अक्टूबर 2017 को पत्र लिखकर शासन को इस मुकदमे को वापस लेने का अनुरोध किया था.
- वाघिं अब राज्यपाल ने ये मुकदमा वापस लेने की संस्तुति दे दी है.
- 20 दिसंबर 2017 को शासन के अनुसचिव अरुण कुमार राय ने शासन के निर्णय और आदेश की जानकारी डीएम को दे दी है.
- वहीँ अब लोक अभियोजक, कोर्ट में शासन के निर्णय की जानकारी देते हुए मुकदमा वापस लेने की अर्जी देंगे.
कहा सपा सरकार ने फंसाया था:
- बता दें कि शीतल पांडे ने बताया कि ‘तत्कालीन सपा सरकार ने राजनीतिक द्वेष में योगी समेत हम लोगों को फंसा दिया था.
- अब भाजपा सरकार ने मुकदमे वापस लेने की जो प्रक्रिया शुरु की है, उससे हम खुश हैं.’ आगे उन्होंने कहा कि ‘यह मुकदमे सभी पार्टियों के ऊपर जो राजनीतिक द्वेष में दर्ज कराए गए हैं.
- चाहे वह किसी पार्टी का हो वापस लिए जाएंगे.
- दमन की राजनीति करने वाले लोगों ने जो फर्जी मुकदमे दर्ज कराए थे, वह सभी वापस लिए जाएंगे.
जाने ये पूरा मामला:
- आपको बता दें कि सूबे के मुख्यमंत्री पर चल रहा ये मुकदमा 22 साल पहले का है.
- ये मामला तब का है, जब 1995 में ब्लॉक प्रमुख पद का चुनाव था.
- उस समय मानीराम से तत्कालीन सपा विधायक ओम प्रकाश पासवान थे.
- जिन्होंने जंगल कौड़िया के विकास चौबे को उम्मीदवार बना दिया था.
- वहीँ इस दौरान भाजपा की तरफ से रामपत यादव को उम्मीदवार बनाया गया था.
- बता दें दें उस समय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरक्षपीठ के तत्कालीन उत्तराधिकारी थे.
- वहीँ उन्होंने रामपत यादव को उम्मीदवार बनाने का समर्थन भी किया था, लेकिन इस मामले पर विवाद खड़ा हो गया.
- बता दें कि जब ये विवाद खड़ा हुआ, तब वहां धारा 144 लागू थी.
- वहीँ आरोप था कि धारा 144 का उल्लंघन हुआ हैं.
- आरोप था कि उस दौरान रोक के बाद भी यात्रा निकाली गई और जनसभा करके वोट मांगे गए थे.
- जिसके चलते धारा 188 के तहत पीपीगंज थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था.
ये भी पढ़ें, आगरा: स्विस पर्यटकों को घुमाने गए गाइड और सुरक्षागार्ड के बीच नोकझोंक
UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें