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यूपी की 8 नदियों को पुनर्जीवित करेगी योगी सरकार

yogi govt to renascence the eight ancient rivers in UP

yogi govt to renascence the eight ancient rivers in UP

उत्तर प्रदेश में नदियों की हालत दिन पर दिन बदतर होती जा रही है. नदियों की बेहतरी के लिए सरकार द्वारा कई कदम भी उठाये जा रहे है. इसके लिए यूपी सरकार के सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह ने अयोध्या की तमसा और वाराणसी की वरुणा समेत पौराणिक काल से जुड़ी आठ नदियों को पुनजीर्वित करने की योजना के बारे में बताया.

सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह ने बताया इन नदियों के लिए शासन स्तर पर एक ‘नदी पुनर्जीवन सेल’ का गठन किया गया है। यह सेल दो महीने में अपनी रिपोर्ट सरकार को देगी उसके बाद इसपर कार्ययोजना तैयार कर केंद्र को भेजा जाएगा. उत्तर प्रदेश सरकार ने कुछ नदियों को चिन्हित कर लिया है.

इनमें से पांच नदियां गंगा में मिल जाती हैं:

सरकार द्वारा चिन्हित करी गयी ये नदियां मैदानी इलाकों की हैं और इनमें से पांच नदियां गंगा में मिल जाती हैं. इन नदियों के किनारे कई महत्वपूर्ण शहर और उनकी संस्कृतियां विकसित हुई हैं.

धर्मपाल सिंह ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा, ‘इन नदियों का महत्व इस लिहाज से भी ज्यादा है कि ये सारी नदियां मैदानी इलाकों की हैं और इनमें से पांच नदियां गंगा में मिल जाती हैं. इन नदियों के किनारे कई महत्वपूर्ण शहर और उनकी संस्कृतियां विकसित हुई हैं.’

मंत्री धर्मपाल सिंह ने बताया कि इन नदियों के किनारे एक सभ्यता बसी हुई है. इन नदियों के खत्म होने से सभ्यता पर भी संकट खड़ा हो गया है. नदियों के पुनर्जीवन से वहां बसी सभ्यता को खत्म होने से बचाया जा सकता है. उन्होंने बताया कि नदियों के पुनर्जीवन को लेकर हाल में केंद्र सरकार के वरिष्ठ मंत्री नितिन गडकरी के साथ हुई बैठक में भी चर्चा की गई है.

इन नदियों के किनारे सभ्यता बसी है:

सिंचाई मंत्री ने कहा कि जिन नदियों को चिन्हित किया गया है, वे रामायणकालीन और महाभारत काल की ऐतिहासिक नदियां हैं. इन नदियों के अपने स्रोत हैं और इनके किनारे सभ्यता बसी है. सिंह ने बताया कि बरेली की अरइल, बदायूं की सोम, प्रतापगढ़ की सई, अयोध्या की तमसा, बस्ती की मनोरमा, गोमती, गोरखपुर की आमी और वाराणसी की वरुणा नदियों को लेकर सेल से दो महीने में अपनी रिपोर्ट देने को कहा गया है.

सिंचाई मंत्री ने कहा, ‘भूगर्भ जलस्तर को बढ़ाने के लिए इन नदियों का पुनर्जीवन बहुत महत्वपूर्ण है। इसकी एक वजह यह भी है कि आने वाले दिनों में दिल्ली और बेंगलुरु जैसे शहर 2020 तक भूगर्भ जल संकट की चपेट में आ सकते हैं। इन शहरों की श्रेणी में लखनऊ भी आ सकता है। इस संकट से निपटने के लिए सरकार नदियों के पुनर्जीवन की दिशा में आगे बढ़ रही है।’

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