उत्तर प्रदेश की पूर्व समाजवादी पार्टी की सरकार में हज कमेटी के अध्यक्ष रह चुके आजम खान का कार्यकाल 27 अगस्त 2018 तक था। उनके कार्यकाल के समाप्त होने के बाद अभी तक योगी सरकार ने हज कमेटी का गठन नहीं किया है। हज कमेटी का गठन न होने और नई हज नीतियों के चलते इस बार यूपी में यात्री हज फार्म भरने से कतरा रहे हैं। ये बात पिछड़ा मुस्लिम मोमिन समाज उत्तर प्रदेश के उपाध्यक्ष और प्रवक्ता मो. अकील खान ने कही। उन्होंने योगी सरकार से हज कमिटी का जल्द गठन करने की मांग की है।
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]नई हज नीतियों के चलते फार्म भरने से कतरा रहे हज यात्री[/penci_blockquote]
पिछड़ा मुस्लिम मोमिन समाज के प्रवक्ता मो. अकील खान ने बताया कि हज कमेटी का गठन न होने और नई हज नीतियों के चलते हज यात्री हज फार्म भरने से कतरा रहे हैं। आलम यह है कि आज अंतिम तिथि 12 दिसंबर तक मात्र 29 हजार 568 लोगों ने फॉर्म भरा है। यह स्थिति तब है जब 25 दिन के लिए आखिरी तारीख बढ़ाई जा चुकी है। अब हज कमेटी आफ इंडिया ने यूपी हज कमेटी की साख बचाने के लिए एक बार फिर हज फार्म जमा करने की तारीख 19 दिसंबर तक बढ़ा दी है।जबकि इससे पहले वाली तारीख यानी 17 नवंबर तक 26 हजार 207 यात्रियों के फार्म भरे गए थे।
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]हज यात्री ना बढ़ने से तारीख बढ़ा रहा विभाग[/penci_blockquote]
इसी वर्ष राज्य हज कमेटी से 32 हजार से अधिक लोग हज करने गए थे और 42 हजार लोगों ने हज जाने के लिए फार्म भरा था। पिछड़ा मुस्लिम मोमिन समाज उत्तर प्रदेश के प्रदेश उपाध्यक्ष ने कहा कि यूपी हज कमेटी की किरकिरी होते देख हज कमेटी ऑफ इंडिया ने अब आवेदन फार्म भरने की आखिरी तारीख 19 दिसंबर कर दी है। दरअसल हुआ यूं कि पूर्व काबीना मंत्री मोहम्मद आजम खान की अध्यक्षता वाली यूपी हज कमेटी का कार्यकाल 3 माह से ज्यादा का समय पूर्व 27 अगस्त को खत्म हो चुका है। 3 माह से अधिक समय गुजर जाने के बावजूद अभी तक कमेटी का गठन नहीं हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश सरकार मुसलमानों के हितों का ध्यान नहीं रख रही है।
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]मुसलमानों के साथ बदले की भावना से कार्य कर रही सरकार [/penci_blockquote]
उन्होंने बताया कि यूपी राज्य हज कमेटी का संचालन एक कमेटी करती है। यह कमेटी का कार्यकाल खत्म होने से चार-पांच महीने पहले से ही नई कमेटी के गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी जाती है। जिस दिन कमेटी का कार्यकाल खत्म होता है उसी दिन सरकार नई कमेटी का गठन कर देती है। ऐसा इसलिए की कमेटी के संचालन में कोई रुकावट न हो। लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार मुसलमानों के साथ बदले की भावना से कार्य कर रही है। क्योंकि हज राज्यमंत्री और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जरा सा भी ध्यान हज कमेटी की तरफ नहीं देते हैं। इसलिए आज तक उत्तर प्रदेश राज्य हज कमेटी का गठन नहीं हुआ है।
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]पहले लाटरी से सीधे चयनित होने का मिलता था मौका[/penci_blockquote]
मो. अकील ने बताया कि नई कमेटी का गठन न होने से कमेटी में कोई काम सुचारू रूप से नहीं हो रहा है और यहां फाइलों का अंबार लगा पड़ा है। हज कमेटी का गठन न होने से हाजियों को हज के लिए सऊदी अरब भेजने में दुश्वारियां होंगी। ऐसे हालात में अधिकतर हज यात्री आवेदन फार्म भरने से कतरा रहे हैं। पहले यह होता था कि हज कमेटी ऑफ इंडिया ने तीन बार लगातार लॉटरी में नाम न आने पर उनको चौथी बार बिना लॉटरी में शामिल किए सीधे चयनित किया था। इस वजह से हजारों यात्री सिर्फ इसलिए फार्म भरते थे कि अगर तीन बार मे नंबर नहीं आया तो हमको चौथी बार स्वयं ही चयन हो जाएगा। हालांकि इसके लिए उनको हर साल फार्म के साथ 300 रुपये भी खर्च अधिक करना पड़ता था।
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]अधिकारियों और कर्मचारियों की उदासीनता पर उठाई उंगली [/penci_blockquote]
उन्होंने बताया कि पिछले साल केंद्र सरकार की नई हज नीति के लिए बनी कमेटी ने रिपीटर हज यात्रियों को का कोटा खत्म करने की संस्तुति कर दी थी। इस पर हज कमेटी ऑफ इंडिया ने अपनी मुहर लगा दी थी। पिछड़ा मुस्लिम मोमिन समाज के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रवक्ता ने आरोप लगाते हुए राज्य हज कमेटी के अधिकारियों और कर्मचारियों की उदासीनता पर भी उंगली उठाते हुए कहा कि इन अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही से हज पर जाने वाले तमाम मुसलमानों को दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर होना पड़ता है। इसके चलते पिछले साल नवंबर में हज कमेटी ऑफ इंडिया ने आवेदकों का कोटा खत्म हो गया राज्य हज कमेटी में फार्म भरने की तारीख बढ़ने के बाद आज अंतिम दिन 29 हजार 568 यात्रियों ने आवेदन किया है। जबकि पिछले वर्ष यह संख्या 42 हजार पार कर चुकी थी। पिछले बार राज्य हज कमेटी को 32 हजार सीटों का कोटा मिला था। अगर 19 दिसंबर तक फॉर्म जमा करने वालों की यही रफ्तार रही तो लगता है कि शायद हज कमेटी आफ इंडिया को सीटों के बंटवारे के लिए लाटरी न करवाना पड़े।
इनपुट- ज्ञानेंद्र
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