फिल्म पद्मावत की रिलीज को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन का दौर जारी है। फिल्म रिलीज के पहले पूरे देश से हिंसा की खबरें प्रकाश सामने आ रही हैं. इनमें तोड़फोड़ और आगजनी की भी घटनाएं हो रही हैं. सिनेमा घरों में करणी सेना तोड़ फोड़ मचा रही है और उस दौरान कई जगह करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने आत्मदाह की भी कोशिश की है. वहीँ जहाँ सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद बीजेपी शासित राज्यों मध्य प्रदेश, गुजरात और सबसे ज्यादा राजस्थान में विवादास्पद फिल्म पद्मावत रिलीज नहीं हो सकी ओर राजस्थान की सीएम ‘वसुंधरा राजे सिंधिया’ हंगामे के दौरान अलवर में मौजूद थी. लेकिन प्रदेश की योगी पुलिस के सामने करणी सेना की एक भी नहीं चली है. उत्तर प्रदेश में यूपी पुलिस की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सारे सिनेमाघरों में फिल्म पद्मावत रिलीज की गयी.
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यूपी की योगी पुलिस ने उपद्रवियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई भी की. इस दौरान प्रदेश में यूपी पुलिस की हर सिनेमा घरों पर मुस्तैदी देखने को मिली. पुलिस मुस्तैदी के बीच दर्शकों ने फिल्म पद्मावत का आंनद उठाया.
हंगामे के दौरान अलवर में थी सीएम वसुंधरा:
आपको बता दें की जिस समय राजस्थान में पद्मावत रिलीज होते ही उपद्रवियों का विरोध प्रदर्शन ओर हंगामा जारी था ओर और करणी सेना के नेता राज्य में खुलेआम घूम रहे थे. उस समय राजस्थान की सीएम ‘वसुंधरा राजे सिंधिया’ पूरा दिन अलवर में मौजूद थी. गौरतलब है कि अजमेर और अलवर लोकसभा सीटों पर 29 जनवरी को उपचुनाव होने हैं. अब हंगामे से ज्यादा चुनाव जीतना बेहद जरूरी है.
हंगामे पर काबू पाने में बिफल राजस्थान पुलिस:
वहीँ राजस्थान पुलिस प्रमुख ओपी गल्होत्रा का दावा है कि सिनेमा हॉल के मालिकों पर फिल्म को न दिखाने के लिए कोई दबाव नहीं डाला गया है. उन्होंने जोर देकर कहा कि सभी सिनेमा हॉल्स को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराई गई थी, लेकिन उसके बावजूद राजस्थान पुलिस हंगामे को काबू करने बिफल रही है.
राजस्थान सरकार भले ही चाहे जितनी भी दलीलें दे दें, लेकिन करणी सेना के खिलाफ कार्रवाई करने में वह बिफल रही है. करणी सेना के नेता लोकेंद्र सिंह कालवी और महिपाल सिंह मकराना अभी भी वहां खुलेआम घूम रहे हैं.
उन्हें अभी तक राजस्थान पुलिस ने हिरासत में नहीं लिया है ओर जबकि कानून में प्रावधान है कि अगर किसी व्यक्ति की वजह से कानून-व्यवस्था को खतरा हो जाता है, तो उसे हिरासत में लिया जा सकता है.
राजस्थान के मल्टीप्लेक्स में जबरदस्त खौफ:
आपको बता दें की राजस्थान में करणी सेना की हिंसा को देखते हुए मल्टीप्लेक्स असोसिएशन ऑफ इंडिया में करणी सेना का खौफ इस कद्र घुस चूका है की उन्होंने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि जान-माल के खतरे को देखते हुए फिल्म रिलीज करने का जोखिम नहीं उठा सकते हैं.
वहीं जयपुर के एक सिनेमा हॉल के मालिक ने कहा कि उन्हें पुलिस के आश्वासन पर भरोसा नहीं है, करणी सेना की तरफ से हरी झंडी मिलने के बाद ही वे फिल्म दिखाएंगे.
योगी पुलिस के सामने करणी सेना हुई फेल:
आपको बता दें की इस फिल्म को रिलीज कराना जहाँ हर प्रदेश के लिए चुनौती बन गई है. वहीँ उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के सामने करणी सेना के मंसूबे ध्वस्त हो गए हैं. यूपी में इस फिल्म के 200 से ज्यादा शो चल रहे हैं और बड़ी संख्या में दर्शक इसे देखने के लिए भी रहे हैं.
यूपी पुलिस अपनी पैनी नजर उन उपद्रवियों पर रखी है, जो हिंसा करने की फिराक में थे. यूपी पुलिस ने उनके मंसूबो को ध्वस्त कर दिया ओर पुलिस ने हर सिनेमाघरों में अपनी मौजूदगी से शांति पूर्वक फिल्म रिलीज होने में अपना योगदान दिया.
“राजधानी पुलिस ने फिल्म को शांति पूर्वक रिलीज कराने में कामयाबी की मिशाल पेश की है. राज्य के शहर लखनऊ में बिना किसी हिंसा के फिल्म को शांति पूर्वक रिलीज कराने में लखनऊ पुलिस का बड़ा हाथ रहा है.
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सिद्धार्थ नाथ सिंह- यूपी में योगी राज है, ना कि जंगल राज:
आपको बता दें की यूपी में सरकार की तरफ से सीनियर मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने सार्वजनिक तौर पर चेतावनी देते हुए कहा था, ‘यूपी में योगी राज है, ना कि जंगल राज. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी अगर कोई फिल्म की रिलीज के दौरान कानून व्यवस्था को बिगाड़ता है, तो उसके साथ सख्ती से निपटा जाएगा’.
गोमती नगर में हुए विरोध से पुलिस प्रशासन ने कसी कमर:
बीते दिनों जिले के गोमती नगर में करणी सेना ने विरोध प्रर्दशन किये थे। लेकिन जिले की पुलिस ने विरोध कर रहे लोगों पर जमकर लाठियां बरसाई थी। पुलिस के द्वारा चलायी गयी ये लाठियां उपद्रियों के लिए नमूना बना था।
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उत्तर प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह ने फिल्म पद्मावत की रिलीज पर बयान देते हुए कहा था कि सही समय पर सही कदम उठाएंगे। उन्होंने कहा था कि फिल्म की रिलीज पर सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन किया जायेगा। किसी भी उपद्रवी को बख्शा नहीं जायेगा। कानून-व्यवस्था का उल्लंघन बर्दास्त नहीं किया जायेगा।
चार राज्यों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल:
पद्मावत फिल्म को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चार राज्यों के खिलाफ भी अवमानना की याचिका दाखिल की गई है। याचिका कर्ता का कहना है कि ये चार राज्य कानून व्यवस्था को बनाए रखने के अपने कर्तव्य को निभाने में विफल हुए हैं पद्मावत पर विभिन्न राज्यों में लगाए बैन को सुप्रीम कोर्ट द्वारा हटाए जाने के बाद कई संगठन सड़कों पर उतर आए। संगठन फिल्म रिलीज होने पर अपना विरोध जता रहे हैं। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने 25 जनवरी 2018 को फिल्म पद्मावत रिलीज होने के आदेश दे दिए थे, लेकिन उसके बावजूद कई राज्यों में हिंसा भड़की है.
स्कूल बस में बच्चों पर फेंके पत्थर:
पद्मावत पर जबरदस्त विवाद के चलते बुधवार को कुछ उपद्रवियों ने गुरुग्राम में एक स्कूली बस पर हमला बोल दिया। हालांकि करणी सेना ने इस मामले में आरोपों को खारिज किया है। गुरुग्राम के जीडी गोयनका स्कूल की इस बस पर उपद्रवियों ने तब पथराव किया, जब उसमें बच्चे भी मौजूद थे।
आपको बता दें कि बस के अंदर बैठे बच्चों को देखकर भी उपद्रवियों का दिल नहीं पसीजा और उन्होंने बस में आग लगाने की भी कोशिश की। हालांकि बाद में पुलिस और भीड़ से निकले कुछ युवाओं के विरोध के बाद उपद्रवी वहां से फरार हो गए। इस दौरान बस में कुछ बच्चों को मामूली चोटें भी आई हैं।
बयान से पलटे थे करणी सेना प्रमुख:
आपको बता दें कि फिल्म पद्मावत देखने का आमंत्रण स्वीकार करने वाले करणी सेना के नेता लोकेंद्र सिंह कालवी काल्वी को फिल्म देखने के लिए न्योता मिला था. वहीँ वह इस फिल्म को देखने के लिए भी जाने वाले थे, लेकिन अब वह अपने बयान से पलट गए है.
उन्होंने कहा कि ”चार दिन पहले फिल्म देखने के लिए एक पत्र आया था और ये पत्र साजिश के तहत भेजा गया था ताकि भंसाली ये साबित कर सके कि वो हमें फिल्म दिखाना चाहते हैं और हम ही नहीं देखने को राजी हो रहे. न तो फिल्म मैं देखता हूं और न ही करणी सेना देखती है.
हम फिल्म उनको दिखाएंगे जिनको सेंसर बोर्ड ने चयनित किया है. भंसाली को 9 लोगों का नाम दिया गया था. लेकिन उसने केवल 3 लोगों को ही फिल्म दिखाई। हम इस प्रकार का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे.”
विवादों में घिरी थी पद्मावत:
आपको बता दें कि फिल्म पद्मवती (पद्मावती पर सेंसर बोर्ड फैसला) को लेकर विवाद ऐसा बढ़ा कि फिल्म के ट्रेलर रिलीज़ होने के बाद से ही ये विवाद और गहरा गया था. करनी सेना ने जगह-जगह विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया और ये प्रदर्शन आज भी चल रहा था. वहीँ इस बीच फिल्म से जुड़े कलाकारों ने भी कहा कि फिल्म रिलीज़ होनी चाहिए. फिल्म के कुछ दृश्यों को लेकर क्षत्रिय संगठनों ने जोरदार विरोध किया और जगह जगह जमकर हंगामा होने लगा. बता दें कि 1 दिसम्बर को रिलीज़ होने वाली ये फिल्म विरोध के चलते रिलीस नहीं हो पाई थी.
अभिषेक सोम पर हुआ था मुकदमा दर्ज:
संजय लीला भंसाली और दीपिका पादुकोण का सर कलम करने पर इनाम की घोषणा करने वाले अभिषेक सोम पर मुकदमा दर्ज हुआ था. सोम ने संजय लीला भंसाली और दीपिका पादुकोण का सर कलम करने वाले को 5 करोड़ का इनाम देने की थी घोषणा.
अभिषेक सोम क्षत्रिय समाज से ताल्लुक रखते हैं. अभिषेक के खिलाफ थाना नौचंदी में मुकदमा दर्ज हुआ था. क्षत्रिय समाज के लोग इस फ़िल्म में रानी पद्मावती के चित्रण को गलत तरीके से दर्शाये जाने का आरोप लगा हैं. क्षत्रिय समाज के लोग लगातार मांग कर रहे हैं कि इस फ़िल्म पर सरकार रोक लगाये.
इसी कड़ी में क्षत्रिय समाज के ठाकुर अभिषेक सोम ने विवादित बयान देते. हुए फ़िल्म अभिनेत्री दीपिका पादुकोण और संजय लीला भंसाली की गर्दन काटने वाले को क्षत्रिय समाज की ओर से 5 करोड़ रूपये की धनराशि देने का ऐलान किया था. इसी के चलते इन पर मुकदमा दर्ज हुआ था.