कासगंज हिंसा पर योगी सरकार के एक कैबिनेट मंत्री की जुबान फिर फिसल गई है। एक निजी कार्यक्रम में शिकरत करने कानपुर के किंदवई नगर पहुंचे थे। जहां मंत्रीजी ने प्रेसवार्ता के दौरान कासगंज हिंसा पर एक विवादित बयान दे दिया है। भाजपा सरकार के इस कैबिनेट मंत्री का कहना है कि प्रदेश में ऐसी छोटी-मोटी घटनाएं तो होती रहती है, जिला प्रशासन को ध्यान देना चाहिये था। 
कानपुर के किदवई नगर में एक निजी कार्यक्रम में भाग लेने प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री सत्यदेव पचैरी पहुंचे हुए थे। जहां वह एक निजी कार्यक्रम में शिकरत करने पहुंचे थे। कार्यक्रम में भाग लेने के बाद पत्रकारों से बात करने के दौरान मंत्रीजी ने एक विवादित बयान दे डाला। उनके बिगडे़ हुए बोल एक बार फिर से प्रदेश सरकार को कटघरे में खड़ा दी है। यह पहला मौका नहीं है जब किसी मंत्री द्वारा विवादित बयान दिया जा रहा है। मंत्रीजी ने कासगंज हिंसा पर बयान देते हुए कहा कि ऐसी छोटी मोटी घटनाएं तो होती रहती है पुलिस-प्रशासन को ध्यान देना चाहिए था और इन समस्याओं को होने से पहले ही दबाना चाहिए था। जिस हिंसा में कासगंज कई दिनों तक झुलसता रहा वह मंत्रीजी के लिए छोटी घटनाएं लग रही है। 

पहले भी बोला है विवादित बोल

यह पहला मौका नहीं है जब लेने प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री सत्यदेव पचौरी जी के ऐसे बिगड़े बोल बोला है। एक तरफ जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निःशक्तों को सम्मानित करते हुए उन्हें दिव्यांग की संज्ञा दी। ताकि ये भी समाज में स्वाभिमान के साथ जी सकें। पीएम मोदी की सोच को मंत्री धता बते रहे हैं। मंत्री जी ने इससे पहले लखनऊ के खादी ग्रामोद्योग बोर्ड दफ्तर में औचक निरीक्षण के लिए पहुंचे थे जहां देर से पहुंचने वाले कर्मचारियों की क्लास लगा रहे थे। इस दौरान मंत्रीजी ने एक दिव्यांग को सरेआम बेइज्जत किया। दिव्यांग के बारे में कहा, कि ‘लूले-लंगड़े लोगों को संविदा पर रखा है, ये क्या सफाई कर पायेगा। तभी ऐसा हाल है यहां की सफाई का।‘ हद तो तब हो गई जब मंत्री ने अधिकारियों को अल्टीमेटम दिया कि शाम तक सफाई नहीं की गई तो सिर पर कूड़ा रखवाकर उठवाएंगे। मंत्रीजी के बिगड़े बोल से योगी सरकार फिर से एक बार सवालों के घेरे में आ गई है। 
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