सूबे के मथुरा के जवाहर बाग कांड में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मथुरा में पिछले 3 सालों में तैनात रहे सभी अफसरों को व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने को कहा गया है।
समाजवादी सरकार की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं:
- इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मथुरा कांड पर जिले में पिछले 3 सालों से तैनात सभी अफसरों हलफनामा माँगा है।
- जिसके बाद से सरकारी तंत्र में हड़कंप मचा हुआ है।
- कोर्ट द्वारा यूपी सरकार से रामवृक्ष यादव के खिलाफ आई शिकायतों, दर्ज मुकदमों और उनपर कार्रवाइयों के बारे में भी रिपोर्ट मांगी है।
- कोर्ट ने यह भाजपा के नेता अश्विनी और सामाजिक कार्यकर्ता योगेश अग्रवाल द्वारा दाखिल याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा।
- कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि, जब रामवृक्ष यादव को दो दिन के धरने की परमिशन दी गयी थी, तो अवधि बीत जाने के बाद भी बाग को खाली क्यों नहीं कराया गया।
- साथ ही पार्क को खाली करने के लिए पुलिस द्वारा क्या कार्रवाई की गयी थी।
- साथ ही सूबे की सरकार को यह बताना होगा कि, तीन सालों में रामवृक्ष यादव के खिलाफ किसकी और क्या शिकायत आई, उसकी क्या चार्जशीट बनी क्या कार्रवाई हुई आदि का भी जवाब माँगा है।
- साथ ही अफसरों को हलफनामे में यह बताना होगा कि, उन्होंने अपनी पोस्टिंग के दौरान बाग को खाली कराने की क्या कोशिशे की।
- साथ ही कितनी बार बड़े अफसरों से कार्रवाई की सिफारिश की और लिखित शिकायतों पर लिखित तौर पर क्या जवाब दिया गया।
- साथ ही अफसरों को यह बताना होगा कि, यदि वो खुद कार्रवाई में सक्षम थे तो कार्रवाई क्यों नहीं की गयी।
- जस्टिस विक्रम नाथ और आर.एन कक्कड़ की डिवीज़न बेंच ने इस मामले में यूपी सरकार को तलब किया है।
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Divyang Dixit
Journalist, Listener, Mother nature's son, progressive rock lover, Pedestrian, Proud Vegan, व्यंग्यकार