उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी (tata consultancy services) अब लखनऊ से टीसीएस को नहीं जाने देंगे। उन्होंने यह मुद्दा लखीमपुर के एक भाजपा नेता के कहने पर अमित शाह की बैठक में उठाया। मुख्यमंत्री ने आगामी 31 जुलाई को टाटा के सीईओ को बुलाया है।
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- बता दें कि इससे पहले 27 जुलाई को पूर्व सीएम अखिलेश यादव से टीसीएस कर्मचारी मिले थे तो उन्होंने रतन टाटा को चिट्ठी लिखने का आश्वासन दिया था।
- बता दें कि टीसीएस कर्मचारी नौकरी और टीसीएस बचाने के लिए कई बार प्रदर्शन और हस्ताक्षर अभियान चला चुके हैं।
- हालांकि सीएम योगी के इस निर्देश से टीसीएस कर्मचारियों में उम्मीद जागी है।
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क्या है पूरा मामला?
- गौरतलब हो कि पिछले दिनों (tata consultancy services) कंपनी के एचआर हेड व एडमिनिस्ट्रेटर्स ने कर्मचारियों से लखनऊ ऑफिस बंद होने की घोषणा की थी।
- कंपनी के अधिकारियों द्वारा दोबारा इस निर्णय के दोहराए जाने से कर्मचारी आहत थे।
- हर स्तर पर किए जा रहे प्रयास के तहत कर्मचारियों ने पूर्व सीएम अखिलेश से भी मुलाकात की थी।
- कर्मचारियों ने सीएम योगी के आवास के बाहर भी इसको लेकर प्रदर्शन किया था।
- टीसीएस कर्मचारियों का कहना है कि पूर्व सीएम ने बताया कि उनके कार्यकाल में भी टीसीएस के जाने का मुद्दा उठा था।
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- इस पर उन्होंने टाटा ग्रुप के चेयरमैन रतन टाटा से बात कर मसले को सार्थक दिशा में हल कराया था।
- लेकिन जब शनिवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तीन दिन के दौरे पर यूपी आये तो टीसीएस कर्मचारियों की समस्या को देखते हुए उनकी बैठक में ये मुद्दा उठा।
- इसके बाद सीएम योगी आदित्यनाथ में आगामी 31 जुलाई को टाटा के सीईओ को लखनऊ बुलाया है।
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सैकड़ों कर्मचारियों की नौकरी पर संकट
- लखनऊ इकाई बंद होने की घोषणा के बाद से ही टीसीएस के करीब दो हजार से अधिक कर्मी जॉब को लेकर ऊहापोह की स्थिति में हैं।
- अधिकारी हो या कर्मचारी ट्रांसफर की दशा में संभावित समस्याओं को लेकर सभी चिंतित हैं।
- सूत्रों की मानें तो लखनऊ इकाई बंद होने पर करीब 500 कर्मी जॉब छोड़ सकते हैं।
- टीसीएस की आइओएन विंग में काम करने वाले एक कर्मचारी ने बताया कि लखनऊ ऑफिस अब पूरी तरह बंद होगा, यहां कोई नहीं रहेगा।
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- शुरु में आश्वासन दिया गया था कि आइओएन विभाग बंद नहीं होगा।
- यह सरकार के विभिन्न विभागों की ओर से आयोजित कराई जाने वाली परीक्षाएं करवाने का काम करता है।
- लेकिन पिछले गुरुवार को आइओएन के प्रभारी ने भी लखनऊ से ट्रांसफर होने का ऐलान कर दिया।
- इस यूनिट में कर्मचारियों की संख्या करीब डेढ़ सौ है।
- अधिकांश की सैलरी पंद्रह से बीस हजार के आसपास है।
- नोएडा व (tata consultancy services) अन्य केंद्रों में गुजारा करना मुश्किल होगा।
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Sudhir Kumar
I am currently working as State Crime Reporter @uttarpradesh.org. I am an avid reader and always wants to learn new things and techniques. I associated with the print, electronic media and digital media for many years.