करीब 12 साल पहले लोक प्रहरी नाम के एक एनजीओ ने याचिका दायर की थी कि पूर्व मुख्यमंत्री अभी भी सरकारी बंगले में रहते हैं और सरकार को इसे खाली कराना चाहिए। इस याचिका पर कोर्ट ने 20 महीने पहले फैसला सुरक्षित रखा था। लोकप्रहरी नाम की एक संस्था ने 2004 में जनहित याचिका डालकर पूर्व मुख्यमंत्रियों और एनजीओ/संस्थाओं को करोड़ों रुपये कीमत के आवास आवंटित करने के सरकार के निर्णय को चुनौती दी थी!
सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगला देने के यूपी सरकार के नोटिफिकेशन को सोमवार को खारिज कर दिया। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि पूर्व मुख्यमंत्रियों को 2 महीने में बंगला खाली करना पड़ेगा।
दरअसल, यूपी में मायावती, मुलायम सिंह यादव, राजनाथ सिंह, कल्याण सिंह, और रामनरेश यादव को बंगले मिले हुए हैं।
कोर्ट ने कहा कि मुख्यमंत्रियों को जीवन भर के लिए बंगला नहीं मिल सकता। अपने कार्यकाल की समाप्ति के बाद उन्हें बंगला खाली करना पड़ेगा।
करीब 12 साल पहले लोक प्रहरी नाम के एक एनजीओ ने याचिका दायर की थी कि पूर्व मुख्यमंत्री अभी भी सरकारी बंगले में रहते हैं और सरकार को इसे खाली कराना चाहिए। इस याचिका पर कोर्ट ने 20 महीने पहले फैसला सुरक्षित रखा था।