उत्तर प्रदेश में 2012 में हुऐ विधानसभा चुनाव को एकतरफा जीतकर समाजवादी पार्टी सत्ता में आयी। समाजवादी पार्टी को मिली इस महाविजय में पार्टी द्वारा बनाये गये घोषणा पत्र की बहुत बड़ी भूमिका थी, क्योकि इसमें जनता से लोकलुभावन वादे किये गये थे। समाजवादी पार्टी ने अपना चुनावी घोषणा पत्र समाज के हर वर्ग को ध्यान में रखकर बनाया था।
घोषणा पत्र में समाजवादी पार्टी ने राज्य के युवाओं से वादा किया कि उनकी पार्टी की सरकार बनने पर वह हाईस्कूल और इण्टर पास करने वाले प्रत्येक छात्र/छात्रा को टैबलेट और लैपटाप बाटेगी। अपने घोषणा पत्र में समाजवादी पार्टी ने राज्य के युवाओं पर सबसे ज्यादा ध्यान दिया जिसके अर्न्तगत प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में छात्र सघों का गठन करना, सभी सरकारी सेवाओं में भर्ती की उम्र 35 करना और 35 वर्ष की आयु पूरी कर चुके बेरोजगार युवकों के लिए बेरोजगारी भत्तें की व्यवस्था करना आदि समाजवादी पार्टी द्वारा किये गये ऐसे वादे थे जिसने युवाओं को सबसे ज्यादा आर्कषित किया। बेराजगारी भत्ते के अन्तर्गत बेरोजगार युवाओं को 12 हजार रूपये सालाना देने की बात राज्य सरकार द्वारा की गई। समाजवादी पार्टी ने अपने घोषणापत्र में लड़कियों की शिक्षा को लेकर भी चिन्ता व्यक्त की और यह वादा किया कि राज्य में समाजवादी सरकार बनने पर हाईस्कूल पास कर चुकी गरीब घर की लड़कियों को कन्या विधा धन देने की योजना को दोबारा लागू किया जायेगा। परीक्षाओं में अच्छे अंक प्राप्त करने वाली लड़कियों को साइकिल देकर सम्मानित करने की बात भी घोषणा पत्र में की गई।
शिक्षा के अलावा पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में खेलों से सम्बन्धित युवाओं का भी विशेष ध्यान रखा जिनमे नयें खिलाड़ियो को प्रोत्साहन देने के लिए लड़के/लड़कियों का चयन स्कूल स्तर से ही प्रारम्भ करने, खिलाड़ियों को छात्रावास में मुफ्त भोजन की व्यवस्था करने व प्रदेश एवं देश में विभिन्न खेलों में अच्छा प्रदर्शन करने वाले छात्र/छात्राओं को नौकरी में प्राथमिकता देने जैसी घोषणाऐं प्रमुख थी। घोषणा पत्र में समाजवादी पार्टी ने प्रदेश में शिक्षा को सुधारने के लिए तमाम योजनाओं का उल्लेख किया जिनमें प्राइमरी स्कलों में शिक्षा का स्तर सुधारना, कक्षा 8 तक सभी पुस्तकें मुफ्त करना, सभी सरकारी एवं अनुदानित निजी महाविद्यालयों में स्नातक स्तर तक लड़कियों को मुफ्त शिक्षा देने का प्रबन्ध करना, इण्टर तक बिना सरकारी अनुदान के पढ़ाने वाले अध्यापकों के लिये जीविकोपार्जन भर के मासिक मानदेय की व्यवस्था करना, मानकों पर खरे उतरने वाले जूनियर हाई स्कूलों तथा मदरसों को अनुदान सुची में लाना, उत्तर प्रदेश के सभी विकासखण्ड़ों में जमीन की उपलब्धता देखते हुए सरकारी कन्या स्नातक कालेंजो की स्थापना और पांच साल के अन्दर इन महाविद्यालयों में बी.एड. कक्षाएं चलाने की व्यवस्था अनिवार्य रूप से सुनिश्चित करना, पिछड़े मुस्लिम इलाकों में स्कूल-कालेज बनाना, प्रदेश के विभिन्न विद्यालयों में कार्यरत शिक्षामित्रों को अगले दो वर्षो में नियमित करते हुए समायोजित करना, जिन जिला मुख्यालयों में पालीटेक्निक नही है, वहां पालीटेक्निक खोलकर उस जनपद के छात्रों को वहा पढ़ने हेतु 10 फीसदी कोटा सुनिश्चित करना, निजी उच्च एवं व्यावसायिक स्कूलो में 5 लाख सालाना वेतन से कम आय वाले परिवारों के बच्चों की फीस माफ करवाना और गरीब छात्रों के लिए छात्रावास और निशुल्क कोचिंग की व्यवस्था करने जैसी योजनाऐं प्रमुख हैं।
उत्तर प्रदेश में 70 फीसदी लोग खेती पर निर्भर हैं इसलिए खेती-किसानी को लेकर समाजवादी पार्टी ने राज्य के किसानों के लिए अपने घोषणा पत्र में तमाम वादे कियें। किसानों को लुभाने के लिए समाजवादी पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में कहा कि किसानों की उपज का लागत मूल्य निर्धारित करने के लिए ऐसे आयोग का गठन किया जायेगा जो हर तीन महीने में अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौपेगा। लागत मूल्यों में 50 फीसदी जोड़कर जो राशि आयेगी उस पर चुनाव जीतने के बाद आने वाली समाजवादी सरकार न्युनतम समर्थन मूल्य निर्धारित करेगी तथा सरकार सीधे किसानों से इस मूल्य पर खरीद सुनिश्चित करेगी। समाजवादी पार्टी ने विधानसभा चुनाव 2012 के अपने घोषणा पत्र में किसानों को यह समझाने का सफल प्रयास किया कि उनकी सरकार में किसानों की भूमि का अधिग्रहण करना बहुत मुश्किल हो जायेगा। भूमि का अधिग्रहण ऐसी किसी जमीन पर नही होगा जो बेहद उपजाऊ हो। उनकी सरकार भूमि मालिक की अनुमति के बिना अधिग्रहण नही करेगी। अगर देशहित के लिए वो किसी जमीन को अधिग्रहित करती है तो मुआवजें की रकम मूल सर्किल रेट से 6 गुना ज्यादा होगी। इसके अलावा भूमि मालिक के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी भी देने की जिम्मदारी सरकार निभायेगी। घोषणा पत्र में किसानों के लिए यह घोषणा भी की गई कि 65 वर्ष की उम्र प्राप्त करने वाले छोटी जोत के किसानों कों पेंशन दी जायेगी। सिंचाई के लिए मुफ्त पानी, बंजर जमीन पर खेती के लिए भूमि देना जैसी बातें भी घोषणापत्र में शामिल है।
घोषणापत्र में अहम बात यह भी कही गई कि यदि समाजवादी पार्टी की सरकार आती है तो मायावती सरकार के 5 साल के भ्रष्टाचार की जांच के लिए अलग आयोग बनेगा। साथ ही आर्थिक अपराध विंग को लोकायुक्त के अंदर लाए जाने की बात भी घोषणा पत्र में की गई। समाजवादी पार्टी ने चुनाव प्रचार के दौरान जितने वादे किये थे उनमें से ज्यादातर अब भी अपने पूरे होने का इन्तजार कर रहे है। 1 साल के बाद इस पार्टी को दोबारा जनता की अदालत में पेश होना है। अखिलेश सरकार जनता से किये अपने वादों को पूरा करने में असफल साबित हुई तो प्रदेश की जनता भी आने वाले विधानसभा चुनावों मे इस पार्टी का दोबारा सत्ता में आना असंभव कर सकती है।