भले ही उत्तर प्रदेश सरकार मरीजों की मदद के लिए फौरन एम्बुलेंस (ambulance) पहुंचने का दावा कर रही हो, लेकिन इसकी हकीकत पूर्व की कई घटनाओं के अलावा मिर्जापुर की यह घटना काफी है। यहां एम्बुलेंस के आभाव में एक महिला का पति खुद एम्बुलेंस बन गया लेकिन फिर भी महिला की जान नहीं बच पाई।
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ग्रामीण इलाकों में नहीं मिल रही एम्बुलेंस
- सरकार के लाख प्रयास और दावों के बाद भी गरीब ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल रही हैं।
- नक्सल प्रभावित मड़िहान तहसील में स्वास्थ्य महकमे की लापरवाही दिखी।
- सरकारी मशीनरी के भ्रष्ट सिस्टम की वजह से एक डेढ़ वर्ष के बच्चे की मां ने इलाज के आभाव में पति की पीठ पर दम तोड़ दिया।
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- दरअसल मामला मिर्जापुर जिले के तहसील के जुड़िया गांव का है।
- यहां की रहने वाली 23 वर्षीय सावित्री की अचानक तबियत ख़राब हो गयी।
- परिजन उसे लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मड़िहान गए।
- जहां डॉक्टरों ने उसकी हालत को गंभीर बताते हुए हाथ खड़े कर दिए।
- पत्नी की बिगड़ती हालत देख बेहतर इलाज के लिए पति ने शिवकुमार ने 108 एम्बुलेंस को सूचना दी।
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- लेकिन काफी देर तक एम्बुलेंस के न आने से हालत देख उसका सब्र टूट गया और वह परिजनों की मदद से पत्नी को पीठ पर बांधकर इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से निकल कर सड़क पर आया।
- पत्नी को पीठ पर बांधे वह मदद के लिए सड़क पर दौड़ता रहा पर कोई उसकी मदद के लिए आगे नहीं आया।
- आखिर इलाज के आभाव में पत्नी ने उसके पीठ पर ही दम तोड़ दिया।
- अगर समय से अगर एम्बुलेंस की सेवा मिल जाती तो शायद सावित्री की जान बचायी जा सकती थी।
- लेकिन (ambulance) सरकारी मशीनरी के भ्रष्ट सिस्टम की वजह से आए दिन लोग मौत के मुंह में समा रहे हैं।
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Sudhir Kumar
I am currently working as State Crime Reporter @uttarpradesh.org. I am an avid reader and always wants to learn new things and techniques. I associated with the print, electronic media and digital media for many years.