इरफान की नई फिल्म मदारी एक आम आदमी की जिद की है जो अपनी लाइफ में हुई एक दर्दनाक घटना के चलते पूरे सरकारी तंत्र को हिला देता है। यह आम आदमी निर्मल कुमार (इरफान खान) है, जो चीफ मिनिस्टर के बेटे को किडनैप कर लेता है और उसे छोड़ने के लिए कुछ शर्तें रखता है। फिर कहानी में अलग-अलग किरदारों की एंट्री होती है और आखिरकार फिल्म को अंजाम मिलता है, जिसको जानने के लिए आपको थिएटर तक जाना पड़ेगा।
फिल्म का डायरेक्शन अच्छा है, लोकशन्स कमाल की हैं। इन सबके बीच कहानी का मुद्दा काफी अच्छा है जो आम आदमी के हक को दर्शाने की कोशिश करती है। बस फिल्म की रफ्तार थोड़ी और बेहतर हो सकती थी। फिल्म कभी-कभी काफी धीमी होती जाती है लेकिन इरफान की मौजूदगी फिल्म के साथ बांधे रखती है।
मदारी में इरफान खान ने एक बार फिर से इरफान खान ने अपनी एक्टिंग का लोहा मनवाया है। फिल्म का मुकद्दर चाहे कुछ भी हो, लेकिन इरफान की परफॉर्मेन्स आपको मिक्स्ड इमोशन्स से भर देती है। उन्होंने हर सीन में बखूबी से अपनी एक्टिंग का प्रदर्शन किया है। वहीं जिम्मी शेरगिल का काम भी किरदार के हिसाब से अच्छा है। विशेष बंसल, नितेश पांडेय, तुषाल दल्वी, साधिल कपूर के साथ साथ अन्य कलाकारों ने भी अच्छा काम किया है। फिल्म के म्यूजिक और खास तौर पर बैकग्राउंड स्कोर कमाल का है।
मदारी रजनीकांत की फिल्म कबाली के साथ सिनेमाघरों मेेंं रिलीज हो रही है इसलिए कबाली के मुकाबले इस फिल्म को ज्यादा तवज्जों नही दी गई है फिर भी इरफान के अभिनय के दम पर ये फिल्म दर्शको को अपनी तरफ आर्कषित करने का दम रखती है।