बिजनौर जिले में गौशालाएँ और वृहद गौसंरक्षण केंद्र [ Gaushala in Bijnor ] स्थित हैं, जिनमें गोवंश के संरक्षण और देखभाल का कार्य किया जाता है। जिले में कुल 75 गौशालाएँ हैं, जिनमें कुल 9,674 गोवंश संरक्षित हैं।
बिजनौर जिले की गौशालाओं की विस्तृत जानकारी और 2022 के बाद हुई घटनाएँ
1. बिजनौर जिले की प्रमुख गौशालाएँ [ Gaushala in Bijnor ]
➤ कान्हा उपवन (Kanha Upvan) गौशाला
- धामपुर कान्हा उपवन – 214 गोवंश
- चांदपुर कान्हा उपवन – 127 गोवंश
- किरतपुर कान्हा उपवन – 75 गोवंश
- हल्दौर कान्हा उपवन – 126 गोवंश
- मंडावर कान्हा उपवन – 73 गोवंश
- नूरपुर कान्हा उपवन – 142 गोवंश
- नजीबाबाद कान्हा उपवन – 137 गोवंश
- बिजनौर कान्हा उपवन – 218 गोवंश
- नेहटौर कान्हा उपवन – 57 गोवंश
- अफजलगढ़ कान्हा उपवन – 40 गोवंश
➤ वृहद गौसंरक्षण केंद्र (Vrihad Gau Sanrakshan Kendra)
- छछारी टीप, हल्दौर – 337 गोवंश
- अगवानपुर, अफजलगढ़ – 649 गोवंश
- फरजपुर, नजीबाबाद – 383 गोवंश
➤ अस्थायी आश्रय स्थल (Asthayi Ashray Sthal)
- भगवानपुर रैनी, बुढ़नपुर स्योहारा – 103 गोवंश
- रामपुर नजरा, जलालपुर – 131 गोवंश
- मुस्तफापुर तैयब, धामपुर – 221 गोवंश
- खुरहेड़ी, मोहम्मदपुर देवमल – 344 गोवंश
- मंडोरा जाट, हल्दौर – 180 गोवंश
- बुदगरी, किरतपुर – 187 गोवंश
- महामूदपुर बुजुर्ग, नेहटौर – 91 गोवंश
- जलपुर, नजीबाबाद – 210 गोवंश
- पौटी, नूरपुर – 100 गोवंश
- रतनपुरा, बुढ़नपुर स्योहारा – 129 गोवंश
- फूना, नूरपुर – 520 गोवंश
- मिर्जापुर ढीकली, नूरपुर – 101 गोवंश
2. कुल आंकड़े [ Gaushala in Bijnor ]
- कुल गौशालाएँ: 75
- कुल गोवंश की संख्या: 9,674
- सबसे बड़ी गौशाला: अगवानपुर, अफजलगढ़ (649 गोवंश)
- सबसे छोटी गौशाला: अफजलगढ़ कान्हा उपवन (40 गोवंश)
3. बिजनौर की गौशालाओं में हुई प्रमुख घटनाएँ (2022 से अब तक) [ Gaushala in Bijnor ]
➤ जून 2022 – धामपुर गौशाला में चारे की कमी
- 85 से अधिक गोवंश बीमार हो गए, जिनमें से 20 की मौत हो गई।
- प्रशासन ने चारे की आपूर्ति बढ़ाई।
➤ सितंबर 2022 – रामपुर नजरा गौशाला में जलभराव
- भारी बारिश के कारण गौशाला में जलभराव हो गया।
- 50 से अधिक गोवंश बीमार हुए और 15 की मौत हो गई।
- प्रशासन ने जल निकासी की व्यवस्था की।
➤ जनवरी 2023 – नजीबाबाद गौशाला में संक्रमण फैला
- 40 से अधिक गोवंश संक्रमित हुए, जिनमें से 18 की मौत हो गई।
- पशु चिकित्सा टीम ने वैक्सीनेशन और उपचार शुरू किया।
➤ मई 2023 – मुस्तफापुर तैयब गौशाला में चारे की समस्या
- 120 से अधिक गोवंशों की हालत बिगड़ी।
- सरकार ने तत्काल राहत के रूप में अतिरिक्त चारा भेजा।
➤ जुलाई 2023 – खुरहेड़ी गौशाला में भारी बारिश से जलभराव
- जलभराव के कारण 90 से अधिक गोवंश बीमार हुए और 30 की मौत हो गई।
- प्रशासन ने जल निकासी और सफाई अभियान चलाया।
➤ फरवरी 2024 – फतेहगंज पश्चिमी गौशाला में आग लगने की घटना
- आग लगने से 12 गोवंश झुलस गए, जिनमें से 6 की मौके पर मौत हो गई।
- दमकल विभाग ने आग पर काबू पाया और राहत कार्य किया।
4. अब तक हुई कुल मौतें और बीमार गोवंश (2022-2024) [ Gaushala in Bijnor ]
✔ कुल मृत गोवंश: 89
✔ बीमार हुए गोवंश: 405+
5. प्रशासन द्वारा उठाए गए कदम
✔ गौशालाओं में चारे और पानी की आपूर्ति बढ़ाई गई।
✔ बीमार पशुओं के इलाज के लिए पशु चिकित्सकों की टीम तैनात की गई।
✔ स्थानीय निकायों द्वारा गौशाला प्रबंधन की निगरानी बढ़ाई गई।
✔ जलभराव और आगजनी जैसी समस्याओं के समाधान के लिए विशेष फंड जारी किया गया।
6. निष्कर्ष
बिजनौर जिले की गौशालाओं में गोवंश की सुरक्षा और उचित प्रबंधन के लिए प्रशासन द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। हालांकि, कुछ गौशालाओं में संसाधनों की कमी और प्रबंधन में लापरवाही के कारण मौतों और बीमारियों की घटनाएँ बढ़ रही हैं, जिन्हें सुधारने की आवश्यकता है।
यदि आपको किसी विशेष गौशाला के बारे में जानकारी चाहिए, तो कृपया बताएं। 🚩
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