भोजपुरी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए मशक्कत जारी है.इसके तहत शहर में भाषाविद को विभाजित किया गया है.कुछ भाषाविदों ने केंद्र सरकार से भोजपुरी को आठवीं सूची के तहत शामिल ना करने का अनुरोध किया है.
भोजपुरी को शामिल करने से हिंदी को नुकसान होगा
- समर्थकों का कहना है की वो अपनी भाषा को सुरक्षित करना चाह रहे हैं.
- भोजपुरी को संविधान की आठवीं अनुसूची पर लाने के लिए.
- किसी और भाषा को नुकसान नहीं पहुंचेगा.
- भोजपुरी का प्रयोग उत्तर प्रदेश, बिहार ,झारखंड और नेपाल के कुछ हिस्सों में किया जाता है.
मुंबई हाईकोर्ट में सुनवाई
- मुंबई प्रेस हाईकोर्ट द्वारा मुंबई हाईकोर्ट में इस सम्बन्ध में सुनवाई हुई थी.
- पूर्व जस्टिस चंद्रशेखरन धर्माधिकारी ने इस पर कहा कि
- भोजपुरी को शामिल करने से हिंदी को झटका लग सकता है.
- आधिकारिक भाषा के तहत झटका लग सकता है.
- इसके तहत नया विवाद भी हो सकता है.
- राज्यों को विभाजित करने की बात भी हो सकती है.
- महाराष्ट्र के पूर्व अतिरिक्त मुख्य सचिव सतीश त्रिपाठी ने
- कहा कि अगर भोजपुरी को संविधान की आठवीं आनुसूची में शामिल किया गया तो
- इसका असर हिंदी भाषा पर नहीं पड़ेगा दोनों भाषाओं का अपना महत्व है.
- अभी तक भोजपुरी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किये जाने पर
- स्थिति स्पष्ट नहीं है.उम्मीद हैं जल्द स्तिथि साफ़ हो जाए.