भारत में आज भी एक ऐसा रेलवे ट्रैक मौजूद है जो ब्रिटेन के कब्जे में है। इस ट्रेक का इस्तेमाल करने वाली इंडियन रेलवे हर साल लगभग 1 करोड़ 20 लाख रूपये की रॉयल्टी ब्रिटेन की एक प्राइवेट कम्पनी को दे रही है। ये रेलवे ट्रेक नैरो गंज में है।
देश में आज भी मौजूद है गुलामी की निशानी
- भारत में आज भी एक रेलवे ट्रेक अग्रेंजो के कब्जे में है।
- इस रेल ट्रैक पर शकुंतला एक्सप्रेस के नास की केवल एक पैसेंजर ट्रेन ही चलती है।
- आज भी इस रेल रूट पर ब्रिटिशकालीन सिग्नल लगे हुए है।
- इसका निर्माण इंग्लैंड के लिवरपूल में 1895 में हुआ था।
- इस रेल ट्रैक पर शकुंतला एक्सप्रेस के नाम से सिर्फ एक पैसेंजर ट्रेन चलती है।
- 100 साल पुरानी 5 डिब्बों की इस ट्रेन को 70 साल से एक स्टीम इंजन खींच रहा थ्ाा।
- इस ट्रेन को 1921 में ब्रिटेन के मैनचेस्टर में बनाया गया था।
- 15 अप्रैल 1994 को शकुंतला एक्प्रेस के स्टीम इंजन को डीजल इंजन से रिप्लेस कर दिया गया है।
- 7 कोच वाली इस पैसेंजर ट्रेन में प्रतिदिन एक हजार से ज्यादा लोग ट्रेवल करते हैं।
- इस रूट पर चलने वाली शकुंतला एक्सप्रेस के कारण इसे ‘शकुंतला रेल रूट’ के नाम से भी जाना जाता है।
- इस रेल रूट को बिछाने का कार्य 1903 में शुरू हुआ था जो 1916 में जाकर खत्म हुआ।
- ब्रिटिश कम्पनी क्लिक निक्सन ने इस रूट का निर्माण किया था।
- ये कम्पनी आज भी भारत सरकार से 1 करोड़ 20 लाख की रॉयल्टी लेती है।