विपक्ष द्वारा लगातार अवरोध उत्पन्न किये जाने के बाद भी केंद्र सरकार इस वित्तीय वर्ष का बजट 1 फरवरी को जारी करने में कामयाब हो गयी है. जिसके बाद अब खबर है कि प्रस्तावित वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) कानून लागू करने की दिशा में तेजी लाने के लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली सेवा कर की मौजूदा 15% दर को बढ़ाकर बजट में 16%-18% करने का प्रावधान ला सकते हैं.
लक्ज़री सेवाएं होंगी महँगी :
- सरकार द्वारा इस वित्तीय वर्ष का बजट 1 फरवरी को लागू किया जाना है.
- इस कदम से विमान सेवा, रेस्तरां में खाना, फोन बिल और अन्य सेवाएं महंगी हो सकती हैं.
- साथ ही यह दरें जीएसटी के प्रस्तावित टैक्स स्लैब के करीब हो सकती हैं.
- माना जा रहा है कि 1 जुलाई से लागू होने वाले जीएसटी कानून में केंद्र व राज्यों के उत्पाद शुल्क,
- सेवा कर व वैट जैसे करों को शामिल किया गया है.
- इसके अलावा जीएसटी की कर दरों को 5,12, 18 व 28 प्रतिशत रखने का फैसला किया गया है.
- साथ ही सेवा कर को इन्हीं में से किसी एक स्लैब में रखना बजट प्रावधान के लिए तर्कसंगत होगा.
- कर विशेषज्ञों के अनुसार पिछले बजट में वित्त मंत्री ने सेवा कर 0.5 प्रतिशत बढ़ाकर 15% कर दिया था.
- जिस कारण इसमें कम से कम एक प्रतिशत की वृद्धि कर इसे 16% तक तो कर ही सकते हैं.
- कुछ अन्य विशेषज्ञों की राय है कि सेवा कर दरों में अंतर रखा जाना चाहिए,
- जिसमें बुनियादी सेवाओं के लिए न्यूनतम 12 %
- साथ ही बाकी सेवाओं के लिए अधिकतम 16 फीसदी कर प्रावधान हो.