इस वित्तीय वर्ष के बजट सत्र का आज से शुभारंभ हो गया है. जिसके तहत यह सत्र राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के संयुक्त अधिवेशन के साथ शुरू हुआ. जिसके बाद अब वित्तमंत्री अरुण जेटली इस वर्ष का आर्थिक सर्वेक्षण प्रस्तुत कर दिया है.
विकास दर 6.75-7.50% रहने का अनुमान :
- आज बजट सत्विर के पहले दिन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आर्थिक सर्वे पेश कर दिया है.
- जिसके तहत इस वर्ष आर्थिक सर्वे 2017-18 में देश की विकास दर 6.75-7.50 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया है.
- आपको बता दें कि बजट सत्र की शुरुआत राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के संयुक्त अधिवेशन के संबोधन के साथ हुई.
- बता दें कि प्रणब दादा का यह संबोधन करीब 1 घंटे तक चला.
- जिसके बाद वित्त मंत्री ने इकोनॉमिक सर्वे यानी आर्थिक अधिवेशन 2017 को पेश कर दिया है.
- जिसके तहत देश की विकास दर के नए अनुमान के बाद कल 1 फरवरी को केंद्रीय बजट संसद में पेश किया जाएगा.
- बजट से पहले संसद में आर्थिक सर्वे प्रस्तुत करने की परंपरा है.
- आपको बता दें कि इस बजट सत्र में 21 नए विधेयक भी लाए जाएंगे.
आर्थिक सर्वेक्षण 2017 की विशेषताएं :
- आर्थिक सर्वेक्षण की शुरुआत में वित्तमंत्री अरुण जेटली ने नोटबंदी के बाद कृषि सेक्टर पर आए असर की समीक्षा की
- जिसके तहत कृषि में अच्छी वृद्धि हुई है परंतु नोटबंदी के असर के बाद कृषि क्षेत्र का अध्ययन किया जाएगा.
- बाद में उन्होंने रियल एस्टेट क्षेत्र पर प्रकाश डालते हुए प्रॉपर्टी के दाम और गिरने की बात कही
- जिसके बाद माना जा रहा है कि रियल स्टेट की कीमतों में गिरावट आएगी.
- वित्तमंत्री ने दावा किया है कि नोटबंदी के बाद पैदा हुई नकदी की समस्या अप्रैल तक खत्म हो जाएगी.
- इसके अलावा उन्होंने बताया कि नोटबंदी के बाद रियल ई-स्टेट बुरी तरह प्रभावित हुआ है.
- जिसमें सुधार के लिए किफायती आवास को प्रोत्साहित किया जाएगा.
- वहीँ उन्होंने अंदेशा लगाया है कि कच्चे तेल के दाम 65 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर जाते हैं,
- तो वैश्विक तेल के दाम बढ़ सकते हैं.
- हालांकि वैश्विक दृष्टिकोण से अगर कच्चे तेल की कीमत 65 से ऊपर चली जाती है,
- तो देश की अर्थव्यवस्था पर इसका सीधा प्रभाव नहीं पड़ेगा.
- इसके आलावा उन्होंने देश में रोज़गार का मुद्दा उठाते हुए कहा कि इस वर्ष देश में श्रम व रोजगार में वृद्धि होगी.
- वित्तमंत्री अरुण जेटली ने आर्थिक सर्वेक्षण पेश करते हुए इस साल के मानसून की बात भी कही.
- जिसके तहत उन्होंने कहा कि हम देख रहे हैं कि इस साल मानसून हमारे ऊपर क्या प्रभाव डालता है.
- जिसके साथ ही उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बाद गत वर्ष किसानों को बीज व उर्वरक खरीदने में दिकक्तों का सामना करना पड़ा था.
- आपको बता दें कि इससे पहले राष्ट्रपति के भाषण के बाद राहुल गांधी ने संसद परिसर में एक बयान दिया था.
- पत्रकारों को दी अपने इस बयान में उन्होंने कहा कि मौजूदा भारत सरकार रोजगार के मोर्चे पर बिलकुल फेल रही है.