नई दिल्ली। केंद्र सरकार के वित्तमंत्री अरुण जेटली बजट 2018 बनाने में जुटे हुए हैं। वित्त मंत्री अरुण जेटली 1 फरवरी को लगातार अपना 5वां बजट पेश करेंगे। ऐसे में चर्चा आम है कि क्या पर्सनल इनकम टैक्स की सीमा में कुछ छूट दी जाएगी? इस बीच कुछ लोग यह भी मानते हैं कि सरकार को पर्सनल इनकम टैक्स को खत्म ही कर देना चाहिए।
इकॉनमिक टाइम्स में लिखे एक लेख के मुताबिक, जेटली को पर्सनल इनकम टैक्स खत्म करके व्यय पर लगने वाले टैक्स को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। बता दें कि जब से भाजपा की सरकार सत्ता में आई है, तब से भले ही दूसरे कई मंत्रियों के मंत्रालय व विभाग बदले हैं, लेकिन अरुण जेटली वित्त मंत्री के पद पर बने हुए हैं। इसके साथ ही जेटली उन वित्त मंत्रियों की लिस्ट में शामिल हो गए हैं, जिन्होंने सबसे ज्यादा बजट पेश किए हैं। हालांकि इसमें वह नंबर वन नहीं है।
पी. चिदंबरम ने पेश किये थे 8 बजट
गौरतलब है कि सबसे ज्यादा बजट पेश करने का रिकॉर्ड फिलहाल तत्कालीन प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री मोरारजी देसाई के नाम पर है। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान कुल 10 बजट पेश किए थे। मोरारजी देसाई ने देश के प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री के अलावा गृह मंत्री का पदभार भी संभाला है। सबसे ज्यादा बजट पेश करने के मामले में दूसरे नंबर पर पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम हैं। उन्होंने कुल 8 बजट पेश किए थे। कांग्रेसी नेता पी. चिदंबरम कॉरपोरेट वकील भी हैं। यूपीए सरकार में चिदंबरम ने मई, 2004 से वित्त मंत्री का पदभार संभाला था। हालांकि उन्होंने नवंबर 2008 में गृह मंत्री का पदभार भी संभाला था। इसके बाद वह 2012 में फिर वित्त मंत्री के तौर पर लौटे थे।
अमीरों ने नहीं बनवाया है पैन कार्ड
देश में आलीशान घर में रहने वाले, लग्जरी गाड़ियां चलाने वाले, महंगी जूलरी खरीदने वाले कई ऐसे लोग मौजूद हैं। जिन्होंने परमानेंट अकाउंट नंबर (पैन) तक नहीं बनवा रखा है। मेनन ने आगे लिखा है कि अमीर लोग टैक्स देने से बचने के लिए नए-नए आइडिया खोजते रहते हैं। मध्य वर्ग का जिक्र करते हुए मेनन कहती हैं कि वे लोग लोग भी घंटों अपने अकाउंटेंट के यहां बिताते हैं, जिससे टैक्स बचाने का ‘जुगाड़’ हो सके। इसका नतीजा यह होता है कि देश में पर्सनल इनकम टैक्स भरने वालों की तादाद दो प्रतिशत के लगभग ही रह जाती है। अमीर लोगों को ‘पकड़ने’ के लिए जेटली को जीएसटी स्लैब्स में बदलाव करना चाहिए और लग्जरी चीजों पर टैक्स बढ़ा देना चाहिए। अगर सरकार ऐसा कर देती है तो उसका 2014 का लोगों को राहत देने का वादा पूरा हो जाएगा और अगले लोकसभा चुनाव से पहले मध्य वर्ग के लिए ‘अच्छे दिन’ भी आ जाएंगे।
7-7 बजट पेश करने वाले ये हैं वित्त मंत्री
बता दें कि पहले भारत का बजट शाम को पेश किया जाता था। इस परंपरा को बदलने वाले वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा थे। उन्होंने शाम का समय बदलकर सुबह 11 बजे कर दिया था। उसके बाद से बजट हमेशा सुबह 11 बजे पेश किया जाता है। पी. चिदंबरम के बाद सबसे ज्यादा बजट पेश करने के मामले में भारत के पूर्व वित्त मंत्री और पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी शामिल हैं। इन्होंने 7 बजट पेश किए थे। इनके अलावा यशवंत सिन्हा, वाईबी चव्हाण और सीडी देशमुख ने भी 7-7 बजट पेश किए।