प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर आधीरात से बाद से 500 और 1000 रूपए के नोट को चलन से बाहर कर दिया था। जिसके बाद से देश भर में लोगों को कैश की किल्लत से जूझना पड़ रहा है। बता दें की नोटबंदी के बाद लोगों के सामने बैंक और एटीएम से कैश निकालने की एक लिमिट तय कर दी गई थी। लेकिन 30 दिसंबर के बाद भी ये लिमिट बरक़रार रहेगी।
कैश लिमिट न बढ़ने के क्या है कारण
- नोटबंदी के बाद बैंक और एटीएम से कैश निकालने की लिमिट तय कर दी गई थी
- लेकिन ये सीमा 30 दिसंबर के बाद भी बरकरार रहेगी
- इसका कारण ये हैं की जितने नए नोटों की मांग है
- लगातार छपाई होने के बावजूद आरबीआई और नोट छापने वाली प्रिंटिंग प्रेस इस मांग को पूरी नहीं कर पा रहा है।
- कैश की उपलब्धतता का संकट देखते हुए बैंकों ने सरकार और आरबीआई से अपील की है
- इस अपील में बैंकों ने सरकार और RBI से कैश निकासी सीमा को 30 दिसंबर के बाद भी बरक़रार रखेने को कहा है।
- बैंकों का कहना है की ये सीमा तब तक जारी रहे जब तक कि नई करेंसी की उपलब्धता सामन्य नहीं हो जाती है।
- बैंकों और सरकार के इस फैसले से 30 दिसंबर के बाद भी लोगों को तय सीमा में कैश निकाल कर संतोष करना पड़ेगा
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