इसरो के वैज्ञानिकों के मुताबिक़ कैत्रोस्तात- 2C उपग्रह पकिस्तान पर किए गए सर्जिकल ऑपरेशन की चप्पे – चप्पे की खबर दे रहा था. इस हमले में उपग्रह के द्वारा दी गई जानकारियां सही मार्गदर्शन दे रही थीं.जिसकी मदद से पाकिस्तान पर भारत ने सर्जिकल ऑपरेशन की फतह हासिल की.
- इसरो वैज्ञानिक रतन सिंह बिष्ट ने ‘ डिफेन्स पब्लिकेशन’ को इस सीक्रेट मिशन का ब्यौरा दिया.
- मिशन की उपलब्धि पर ख़ुशी जताते हुए बोला इसरो इस सफलता से गौरवान्वित महसूस कर रहा है.
- हालाँकि इस पर खुद इसरो की तरफ से कोई बयान जारी नहीं हुआ है.
‘कैत्रोस्तात- 2C उपग्रह’इसरो द्वारा इसी साल जून में प्रक्षेपित किया गया था
- पिछले हफ्ते 29 सितम्बर को पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक का भारत ने हमला बोला था.
- इस मिशन में भारत के जवानों ने पाकिस्तान के 38 आतंकवादी मार गिराए थे .
- कैत्रोस्तात- 2C उपग्रह से जारी तस्वीरें लगातार मारक क्षेत्र दर्शा रहीं थीं.जिसकी मदद से भारतीय सैनिक पाकिस्तानी बेस कैम्पों को क्षतिग्रस्त कर रहे थे.
- इस उपग्रह की लक्ष्य को भेदने की क्षमता उच्च कोटि की है.
- यह ज़मीन पर चल रही गैरकानूनी खनिज की जानकारी मिनटों में देता है.
पाकिस्तान के पास लोन पर लिए गए केवल दो ऐसे उपग्रह है
- इसरो के सेवानिवृत्त वैज्ञानिक जे.पी. जोशी ने इस उपग्रह का संचालन बड़े ही मजेदार तरीके से बताया है.
- जब आप छत पर खड़े होते है तो आसानी से सब देख सकते हैं.जब आप कहीं अंदर बैठे होतें हैं तो कुछ नज़र नहीं आता.
- ‘कैत्रोस्तात- 2C’ ग्लोब की एक तिहाई हिस्से पर एकसाथ नज़र रखने की क्षमता रखता है.
- जे.पी. जोशी ने कहा की यह उपग्रह एक टोर्च की तरह है जो बॉर्डर पर कड़ी नज़र रखती हैं.
पाकिस्तान की सरज़मीन भी इस उपग्रह से नज़र आती है पर भारत शांति में विशवास रखता है.
- ज़रूरत पड़ने पर बॉर्डर के आगे की तस्वीरें भी इस उपग्रह द्वारा लेकर सेना को मोहैया कराई जाती हैं.