नोट बंदी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर हो चुकी हैं! नोट बंदी के कारण आम नागरिकों को होने वाली परेशानी का हवाला दिया गया था. जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाने से इंकार कर दिया था. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा था कि केंद्र सरकार ये सुनिश्चित करे कि जनता को होने वाली दिक्कतों को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है.
शुक्रवार को हो सकती है सुनवाई:
- विमुद्रीकरण के बाद देश की विभिन्न अदालतों में इस फैसले के खिलाफ याचिकाएं दायर हुई हैं.
- अब केंद्र सरकार इन सभी याचिकाओं पर सुनवाई ना करने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंची है.
- सरकार का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के अलावा अन्य अदालतों में नोट बंदी के खिलाफ याचिकाओं पर सुनवाई ना हो.
- सरकार की दलील है कि अन्य अदालतों में कार्यवाई होने से भ्रम की स्थिति पैदा हो सकती है.
- न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति ए आर दवे ने इसपर सहमति जता दी है.
- इस मामले की सुनवाई शुक्रवार को होगी.
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने नोट बंदी के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई की.
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सुप्रीम कोर्ट ने नोट बंदी पर रोक लगाने से किया इंकार:
- सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के नोट बंदी के फैसले पर रोक लगाने से इंकार कर दिया.
- कोर्ट ने कहा कि सरकार के फैसले पर कोर्ट हस्तक्षेप नही करेगा.
- हालाँकि कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब माँगा है.
- कोर्ट ने कहा है कि जनता की परेशानियों को दूर करने के लिए किये गए उपायों की रिपोर्ट केंद्र दे.