वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 01 फ़रवरी 2017 को संसद में साल 2017-18 के लिए रेल बजट पेश किया. ये एक ऐतिहासिक बजट सत्र था जब पहली बार रेल बजट को कोई वित्त मंत्री पेश कर रहा था. वित्त वर्ष 2017-18 के लिए पेश किये रेल बजट में बुनियादी ढांचा दुरुस्त करने पर खास ध्यान दिया गया है.
पिछले दो वित्तीय वर्ष की तुलना अगर हम इस रेल बजट से करें तो ये भारतीय रेल के परिदृश्य में एक अच्छी पहल कही जा सकती है जहाँ रेलवे की बुनियादी सुविधाओं को दुरुस्त करने पर जोर देने की बात कही गई है.
वित्त वर्ष 2017-18 के रेल बजट में बुनियादी ढांचा क्षेत्र के लिए रिकॉर्ड 3.96 लाख करोड़ रुपये देने की घोषणा सरकार की मंशा बताती है. आर्थिक गतिविधियां बढ़ाने और रोजगार के अधिक अवसर पैदा करने की दृष्टि से सरकार इस रेल बजट को अहम मान रही है. दूसरी श्रेणी के शहरों में चुनिंदा हवाई अड्डों को परिचालन और विकास के लिए पीपीपी मॉडल अपनाया जाएगा. साथ ही नई मेट्रो रेल योजना लाने की बात भी की गई है.
आंकड़ें: मोदी सरकार का तीन साल का रेल बजट:
रेल बजट 2017-18:
- रेलवे के लिए कुल पूंजी और विकास व्यय 1,31,000 करोड़ रूपये
- बुनियादी ढांचा क्षेत्र के लिए 3,96,135 करोड़ रूपये
- रेलवे, सड़क, जहाजरानी के लिए 2,41,387 करोड़ रूपये
- इस रेल बजट में आम बजट की राशि 55,000 करोड़ रुपये भी शामिल
- राजमार्ग क्षेत्र के लिए 64,000 करोड़ रुपये.
- सड़क क्षेत्र के लिए बजट करोड़ 64,000 करोड़ रुपये
- पिछले वित्त वर्ष में यह राशि 57,676 करोड़ रुपये थी.
- निर्माण एवं विकास के लिए 2,000 किलोमीटर की तटीय संपर्क सड़कों की पहचान
- 3500 किलोमीटर नई रेल लाइनें.
- 2,800 किलोमीटर की लाइनें चालू वित्तीय वर्ष में शुरू होंगी.
- पर्यटन और तीर्थ के लिए विशेष ट्रेनें.
- IRCTC से टिकट बुकिंग पर सर्विस चार्ज खत्म
- विकलांगों की सुविधा के मुताबिक 500 स्टेशन पर सुविधाएँ.
- 1 लाख करोड़ रुपये के कोष से ‘राष्ट्रीय रेल संरक्षा कोष’ की स्थापना का प्रस्ताव
- 2020 तक ब्रॉड गेज नेटवर्क पर मानवरहित क्रॉसिंग होगी समाप्त
- 300 स्टेशनों पर स्टेशनों पर लिफ्ट और एस्केलेटर्स लगेंगे.
- यात्रियों के लिए ‘क्लीन माई ऐप’ सर्विस .
- 2019 तक सभी ट्रेनों में बायो टॉयलेट
- मानवरहित क्रॉसिंग पूरी तरह से खत्म होगी.
- 7000 रेलवे स्टेशनों पर सौर ऊर्जा की सुविधा
- 25 चुनिन्दा स्टेशन पर नवीनीकरण
- रेल कोच से संबंधित शिकायतों को दूर करने के लिए ‘कोच मित्र’ की सुविधा.
- रेल के किराये-भाड़े का निर्धारण लागत, सामाजिक जिम्मेदारी तथा प्रतिस्पर्धा के आधार पर, फिलहाल कोई बढ़ोतरी नहीं
- प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना सहित कुल 1,40,000 किमी सड़कों का निर्माण लक्ष्य
रेल बजट: 2016- 17
- सड़क क्षेत्र के लिए बजट आवंटन 57,676
- वित्त वर्ष 2016-17 के रेलवे निवेश 1.21 लाख करोड़ रूपये
- बिजली समेत ईधन लागत में 8,720 करोड़ रूपये की बचत
- 2,800 किलोमीटर नए ट्रैक का परिचालन
- पत्रकारों के लिए रियायती दर पर टिकटों की ई-बुकिंग
- वित्त वर्ष 2016-17 में रेलवे को कागज मुक्त अनुबंध व्यवस्था में बदलना
- 2000 किलोमीटर रेल मार्ग का विद्यतीकरण
- हर श्रेणी के कोच में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण
- अहमदाबाद- मुंबई हाई स्पीड ट्रेन चलेगी
- 2020 तक लोगों को जब चाहे तब टिकट मिलेगी
- डबल डेकर उदय एक्सप्रेस की शुरुआत
- 11 ए श्रेणी के स्टेशनों पर विशेष शौचालय बनाये जायेंगे
- रेलवे के आरक्षण कोटे में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण
- रेलवे वरिष्ठ नागरिकों के लिए निचली सीट का कोटा बढ़ाकर 50 प्रतिशत
- पर्यटन स्थलों का सौंदर्यीकरण
- सफर के दौरान यात्रियों के बीमा की सुविधा
- दिव्यांगों के लिए अलग से टॉयलेट
- लंबी दूरी की ट्रेनों में अतिरिक्त डिब्बे
- हमसफर एक्सप्रेस पूरी तरह थर्ड एसी
- रेलवे के दो एप्प के जरिये टिकट बुक या कैंसिल सुविधा
- अहमदाबाद से मुंबई हाई स्पीड ट्रेन चलेगी
- रेलवे में सभी पदों के लिए ऑनलाइन भर्ती
- पांच साल में रेलवे प्रोजेक्टों पर साढ़े 8 लाख करोड़ रुपये खर्च
- शताब्दी, राजधानी एक्सप्रेस में डिब्बे बेहतर करने पर जोर
- नए एसी कोचों की संख्या बढ़ाने की बात
- 400 स्टेशनों का आधुनिकीकरण
- 400 रेलवे स्टेशनों को वाई-फाई युक्त बनाया जाएगा
- रेलवे को सरकार से 40 हजार करोड़ रूपये का बजटीय समर्थन
- रेलवे विद्युतीकरण पर खर्च में 50 प्रतिशत वृद्धि
रेल बजट: 2015-2016
- टिकटों की एडवांस बुकिंग 120 दिन पहले
- कई भाषाओं में होगी ई-टिकटों की बुकिंग.
- अनारक्षित टिकटों की बुकिंग ऐप्लिकेशन के जरि
- टिकट बुकिंग के लिए ऑपरेशन फाइव मिनट
- खाने का ऑर्डर ऑनलाइन भी हो सकेगा
- विकलांग लोगों के लिए एस्कलेटर्स, ऑनलाइन व्हीलचेयर्स, प्रवेश द्वार की सुविधा
- 400 स्टेशनों पर वाई-फाई की सुविधा
- 17 हजार बायो टॉयलेट्स
- 650 अतिरिक्त स्टेशनों पर नये शौचालय
- 24 सवारी डिब्बों के स्थान पर 26 सवारी डिब्बे
- 40,000 करोड़ रुपये की बजटीय सहायता
- योजना बजट के आकार में 52 प्रतिशत की वृद्धि
- रेलवे वेंडर इंटरफेस मैनेजमेंट सिस्टम डिजिटल होगा
- महिला यात्रियों की सुरक्षा के लिए निर्भया निधि का उपयोग
- यात्री भाड़े में कोई बढ़ोत्तरी नहीं
- वेंडिंग मशीन के जरिए सस्ता और शुद्ध पानी
- उपनगरीय इलाकों में सेटेलाइट स्टेशन
- हेल्पलाइन के तौर पर ‘138’ नंबर एक मार्च से चौबीस घंटे काम करेगा
- सुरक्षा से जुड़ी शिकायतें ‘182’ नंबर पर
- ट्रेनों के आगमन और प्रस्थान की जानकारी अब एसएमएस के जरिए
अगर पिछले दो साल के बजट की तुलना इस बजट से करें तो रेलवे द्वारा अलग-अलग वर्गों में घोषणायें ना होकर बुनियादी सुविधाओं को लेकर बजट पर फोकस होती दिखाई दे रही है. पिछले दो बजट में जहाँ आधुनिकीकरण पर मंत्रालय ने जोर दिया वहीँ अब बुनियादी ढांचे को दुरुस्त करने पर सरकार का जोर देना ये दर्शाता है कि सरकार ने पिछले दो सालों में स्टेशन और ट्रेन के अन्दर सुविधाओं को बेहतर बनाने के साथ-साथ अब इंफ्रास्ट्रक्चर के अजेंडे पर वापस आती दिखाई दे रही है, जो कि रेल मंत्रालय के लिए हमेशा से चुनौतीपूर्ण कार्य रहा है.