सरकार द्वारा रक्षा अधिकारियों के स्टेटस में गिरावट किये जाने से सेना में काफी असंतोष और नाराज़गी दिख रही है । सरकार द्वारा रक्षा अधिकारियों के स्टेटस में गिरावट उनके समकक्ष सिविल सेवा अधिकारियों की तुलना में की गई है।
सरकार के इस फैसले से सिविल और सैन्य अधिकारियों के बीच खाई बढ़ेगी
- केंद्र सरकार द्वारा जारी एक पत्र से ये स्पष्ट हुआ है कि डिफेंस अधिकारियों की रैंक में कमी की गई है।
- इसके अंतर्गत अब एक सिविलयन प्रिंसिपल डायरेक्टर टू स्टार जनरल के बराबर कर दिया गया है।
- जब कि पहले ये एक ब्रिगेडियर के बराबर था।
- एक डायरेक्टर रैंक का ऑफिसर को अब एक ब्रिगेडियर के बराबर किया गया है
- एक जॉइंट डायरेक्टर कर्नल के बराबर कर दिया गया है।
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- बता दें कि , एक कर्नल अब तक एक निर्देशक के बराबर स्टेटस पर था।
- एक संयुक्त निदेशक अब तक एक लेफ्टिनेंट कर्नल के बराबर था।
- सरकार ने इस संबंध में 8 अक्टूबर को एक पत्र जारी किया है
- इस पत्र को खुद रक्षा मंत्री ने मंजूर किया है।
- कई सैन्य अधिकारियों द्वारा इस पर निराशा व्यक्त की है।
- सरकार ने इस पत्र में रक्षा अधिकारियों और सशस्त्र बलों के मुख्यालय सिविल सेवा अधिकारियों के बीच समानता की जानकारी दी गई है।
- बताया जा रहा है कि इससे फैसले से सिविल और सैन्य अधिकारियों के बीच खाई बढ़ सकती है।
- इसलिए ये आवश्यक है कि इस समस्या का समाधान किया जाए।
- इस लेटर ने सशस्त्र बलों और मंत्रालय की 7 वें वेतन आयोग की रिपोर्ट और वन रैंक वन पेंशन पर अलग सोच जैसे विवाद को बढ़ा दिया है।
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