भारतीय निर्वाचन आयोग ने विधानसभा या लोकसभा चुनावों के लिए एक नया नियम बनाया है। किसी भी विधानसभा या लोकसभा चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी को यह एफिडेविट देना होगा कि उन पर पिछले 10 साल का कोई भी सरकारी बिल बकाया नहीं है। उन्हें सम्बंधित विभागों से ‘नो ड्यूज’ सर्टिफिकेट भी लेकर एफिडेविट के साथ लगाना होगा।
दिल्ली हाईकोर्ट ने की थी पहल:
- भारतीय निर्वाचन आयोग से पहले अगस्त, 2015 में दिल्ली हाईकोर्ट ने विधानसभा और लोकसभा चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों को यह एफिडेविट देने के निर्देश दिए थे।
- कोर्ट के आदेश के तहत उन्हें यह बताना था कि सरकारी घर में रहने की हालत में उन पर बिजली, पानी और टेलीफोन बिल जैसा कुछ बकाया नहीं है।
- दिल्ली हाईकोर्ट ने निर्वाचन आयोग से भी इस तरह का हलफनामा लेने पर विचार करने को कहा था।
- पिछले महीने अमल में लाया गया यह नियम सरकारी घर में रहने वाले प्रत्याशियों पर लागू होगा।
- पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, केरल और पुड्डुचेरी में चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों पर भी यह नियम लागू होगा।
पूरी प्रक्रिया होगी ऑनलाइन:
- कैंडिडेट अब अपनी जानकारी और हलफनामा ऑनलाइन भी दाखिल कर सकेंगे।
- इससे अधूरी जानकारी देने और पर्चा खारिज होने से बचा जा सकेगा।
तमिलनाडु के मुख्य निर्वाचन अधिकारी राजेश लखोनी ने कहा कि, ‘आयोग की वेबसाइट www.eci.nic.in पर जाकर हलफनामा दाखिल किया जा सकता है’। इसमें बाद में त्रुटी की अवस्था में सुधार भी किया जा सकेगा।