शनिवार को GST को लेकर केंद्र और राज्य सरकारों के बीच हुई बैठक असफल रही. राज्य सरकारों और केंद्र के बीच GST को अप्रैल 2017 से लागू करने पर बात नही बनी. नोटबंदी के बाद राज्य सरकारें GST को अप्रैल से लागू करने के पक्ष में नहीं हैं.
नोटबंदी से हुए नुकसान की भरपाई चाहती हैं राज्य सरकारें:
- GST का भविष्य अभी अच्छा नही दिख रहा है.
- राज्य सरकारों और केंद्र के बीच बातचीत असफल होने के बाद ऐसा ही मालूम पड़ता है.
- नोटबंदी के फैसले के बाद राज्य सरकारें होने वाले नुकसान को GST में शामिल कराना चाहती हैं.
- राज्य सरकार मुआवजे में नोटबंदी के नुकसान को शामिल कराना चाहती हैं.
- केंद्र सरकार इस पर सहमत नही है.
- इसके अलावा टैक्स पेयर्स को लेकर भी राज्य और केंद्र के बीच सहमति ना बन पाना चिंताजनक रहा.
- GST काउंसिल की शुक्रवार और शनिवार चली बैठक के बाद भी कोई नतीजा निकालता नही दिख रहा है.
- राज्य सरकार का कहना है कि कर देने वालों पर अधिक से अधिक नियंत्रण उनका रहे.
- जबकि केंद्र सरकार नियंत्रण में संतुलन की पक्षधर है.
- वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया कि संसोधन विधेयक पास होने के बाद अधिक से अधिक सितम्बर 2017 का समय है.
- उन्होंने कहा कि इसके अलावा कोई अन्य विकल्प नही बचेगा.
- राज्य सरकारों का कहना है कि नोटबंदी के बाद चालू कारोबार पर असर पड़ा है.
- इसलिए केंद्र को मुआवजे में इस नुकसान को शामिल करना चाहिए.