गुजरात की तीन राज्यसभा सीटों में से बीजेपी ने दो सीटों अपना कब्जा जमाया लिया है. लेकिन सबसे दिलचस्प लड़ाई अहमद पटेल की रही. वोटों की गिनती शुरू होने से पूर्व ही कांग्रेस ने दो विधायकों को वोट को लेकर आपत्ति जाहिर कर दी. लगातार तीन बार बीजेपी और कांग्रेस के दिग्गज इलेक्शन पहुंचे. कांग्रेस दो बागी विधायकों का वोट रद्द कराना चाहती थी. जबकि बीजेपी का कहना था कि गिनती जल्दी शुरू की जाये.
इस चुनाव में अमित शाह और स्मृति ईरानी को 46-46 वोट मिले. जबकि अहमद पटेल को 44 वोट मिले वहीँ बलवंत सिंह राजपूत को 38 वोटों से संतोष करना पड़ा, बलवंत सिंह कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए थे. अहमद पटेल को ये जीत महज आधे वोट से मिली.
गुजरात राज्यसभा का चुनाव काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा. कांग्रेस ने दो बागी विधायकों के वोट को लेकर आपत्ति जाहिर की और चुनाव आयोग पहुँच गए. 5 बजे गिनती शुरू होनी थी लेकिन कांग्रेस की इस शिकायत के बाद गिनती शुरू ही नहीं हो सकी थी. गुजरात में राज्यसभा की तीन सीटों के लिए मतदान हुए. इस चुनाव में 176 विधायकों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. रात दो बजे मतों की गिनती पूरी होने के बाद परिणाम घोषित हुए.
बागियों के नाम रहा चुनाव:
- अहमद पटेल की जीत में बीजेपी के विधायक नलिन कोटड़िया की बगावत का बड़ा हाथ रहा.
- उन्होंने अहमद पटेल को वोट देकर उनकी जीत सुनिश्चित कर दी.
- इस विधायक के कांग्रेस उम्मीदवार को वोट देने के कारण अहमद पटेल हार से बच गए.
- विधायक भोला भाई, राघव भाई के वोट रद्द होने के बाद समीकरण बदल गया था.
- जीत के लिए जरूरी आंकड़े में बदलाव हो गया और अब अब जीत के लिए 43.5 वोट चाहिए थे.
- लिहाजा अहमद पटेल ने 44 वोट पाकर 0.50 वोट से अपनी जीत दर्ज की.
- पटेल को 41 कांग्रेस, एक JDU, एक एनसीपी और एक बीजेपी के बागी विधायक ने वोट किया.
- बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह पहली बार राज्यसभा जाएंगे.
- दूसरी सीट पर स्मृति ईरानी ने भी अपनी जगह बरकरार रखी है.
- जबकि एक सीट पर कांग्रेस के अहमद पटेल भी जीत हासिल में कामयाब रहे हैं.
JDU में दिखी दरार:
- कांग्रेस के उम्मीदवार अहमद पटेल को JDU विधायक ने कथित रूप से वोट दिया.
- JDU विधायक ने स्वंय इस बात की पुष्टि की.
- वहीँ केसी त्यागी ने कहा कि नीतीश कुमार के आदेश के अनुसार बीजेपी को वोटिंग हुई है.
- इस बयान पर जदयू के गुजरात प्रभारी ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी.
- उन्होंने कहा कि केसी त्यागी कैसे फैसला कर सकते हैं कि किसको वोट दें.
- विधायक ने स्वयं कहा है तो इसमें संदेह कहाँ है.
- वहीं पूरे घटनाक्रम के बाद बीजेपी नेताओं का प्रतिनिधिमंडल भी चुनाव आयोग के दरवाजे पर पहुंचा है.