पूर्व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन के नाम पर 20 लाख रुपये की ठगी का सनसनीखेज मामला सामने आने से हड़कंप मच गया है। बताया जा रहा है कि स्वास्थ्य सेवा निदेशालय के एक कर्मचारी ने खुद को केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन का पीए बताकर तमिलनाडु के एक बिजनेसमैन से लाखों रूपये की ठगी की।
बिजनेसमैन, शिकायतकर्ता एम श्री सी. कृष्णन का आरोप है कि उन्होंने स्वास्थ्य सेवा निदेशालय के कर्मचारी सतपाल को पूरी रकम तत्कालीन केंद्रीय मंत्री के दिल्ली स्थित सरकारी आवास पर दी थी।
- कृष्णन ने बताया कि सतपाल ने उनको झांसा दिया कि स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत हर राज्य में एमबीबीएस की ‘फ्री सीट’ का कोटा होता है और वह ‘मंत्रीजी’ से कहकर एक सीट दिलवा देगा।
- आरोपी ने एमबीबीएस में दाखिले के नाम पर पहले एकमुश्त 15 लाख रुपये लिए, फिर दो किश्तों में ढाई-ढाई लाख रुपये वसूलें।
- खुद को पीए बताने वाला सतपाल नाम का शख्स स्वास्थ्य सेवा निदेशालय में तैनात था, वह रिश्वत की रकम मंत्री के सरकारी आवास पर ले रहा था, जिसके कारण बिजनेसमैन को उस पर कोई शक भी नहीं हुआ।
- बताया जा रहा है कि वह खुद तमिलनाडु में एमबीबीएस में दाखिला दिलाने के लिए एक कंसल्टेंसी कंपनी चलाता है।
- यह पूरा मामला नवंबर 2014 से दिसंबर 2015 के बीच का है, और पूरी पेमंट लेने के बाद सतपाल ने फोन उठाना बंद कर दिया।
- एम श्री सी. कृष्णन का कहना है कि उन्हे एफआईआर दर्ज कराने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। तमाम कोशिशों के बाद बिजनेसमैन ने कोर्ट में याचिका दाखिल की।
- जिसके बाद वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के निर्देश पर साउथ एवेन्यु थाने में 29 मई को आईपीसी की दफा 420/468/34 के तहत FIR दर्ज की गई।