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गणतंत्र दिवस पर प्लास्टिक के झंडे इस्तेमाल करने पर होगी कार्रवाई

गणतंत्र दिवस पर हर जगह कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं. दिल्ली में अनेक कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं, राजपथ पर झांकियों और परेड को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग आते हैं. लेकिन उनके हाथ में जो झंडा होता है अगर वो प्लास्टिक का हुआ तो, क़ानूनी कार्यवाई की जद में भी वो लोग आ सकते हैं, ऐसा हम नहीं, गृह मंत्रालय द्वारा जारी नया आदेश कहता है. अगर आपने प्‍लास्टिक का झंडा इस्‍तेमाल किया तो आपको कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ा सकता है और आपको जेल भी हो सकती है. गृहमंत्रालय ने इस संबंध में सभी राज्‍यों को केन्‍द्र शासित प्रदेशों को फ्लैग कोड का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया है.

प्लास्टिक के झंडे इस्तेमाल करने पर होगी कार्रवाई:

गणतंत्र दिवस पर प्लास्टिक के झंडे पर रोक लग गई है. गृहमंत्रालय ने इस संबंध में निर्देश जारी किया है , राज्यों को कड़ाई से पालन के निर्देश दिए दिए गए हैं. इसमें कहा गया है कि प्लास्टिक के बने राष्ट्रीय झंडे का उपयोग न करें, गृहमंत्रालय ने प्लास्टिक झंडे पर एडवाजरी जारी की है. महत्वपूर्ण अवसरों पर प्लास्टिक के झंडे इस्तेमाल होता है. राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम के तहत एक्शन लिया जायेगा जिसमें 1971 की धारा-दो के मुताबिक सख्त कार्रवाई होगी.

गणतंत्र दिवस को लेकर चल रही हैं तैयारियां:

बता दें कि गणतंत्र दिवस के खास अवसर पर राजपथ पर होने वाली परेड भारत की सैन्य क्षमता को दर्शाता है. एनडीए ने 2014 में सत्ता में आने के बाद लुक ईस्ट नीति को एक्ट ईस्ट नीति में बदल दिया था. मोदी सरकार का जोर था कि नीतियाँ ज्यादा गतिशील होनी चाहिए.

राष्ट्रध्वज के अपमान पर ये है सजा का प्रावधान

राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम, 1971 की धारा-दो के अनुसार, कोई भी व्यक्ति जो किसी सार्वजनिक स्थान पर या किसी भी अन्य स्थान पर सार्वजनिक रूप से भारतीय राष्ट्रीय झंडे या उसके किसी भाग को जलाता है, विकृत करता है, विरूपित करता है, दूषित करता है, कुरूपित करता है, नष्ट करता है, कुचलता है या उसके प्रति अनादर प्रकट करता है या अपमान करता है तो उसे तीन वर्ष तक के कारावास से, या जुर्माने से, या दोनों से दंडित किये जाने का प्रावधान है.

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